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मोदी बोले- इस साल सबसे ज्यादा खिलाड़ियों ने ओलिंपिक में क्वालिफाई किया, यह व्यवस्थाओं के ट्रासपेंरेंट होने का नतीजा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाख पाने वाले लोगों से बात की। पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों से जुड़े और उनके विचार और अनुभव जाने। पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पहले की तुलना में कहा ईज ऑफ लिविंग के नए मानदंड स्थापित हुए हैं। अब गांवों और कस्बों तक भी विकास पहुंच रहा है।

उन्होंने ओलिंपिक खेलों में देश के खिलाड़ियों शानदर प्रदर्शन पर कहा कि खिलाड़ियों ने यह प्रदर्शन 100 साल की सबसे बड़ी आपदा से जूझते हुए किया है। ये आत्मविश्वास व्यवस्थाओं के बदलने और ट्रांसपेरेंट होने पर आता है।

इस वर्चुअल कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिनभाई पटेल भी मौजूद रहे। कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने जानकारी दी कि, राज्य में पब्लिक पार्टिसिपेशन प्रोग्राम लाॅन्च किया जा रहा है, जिसके जरिए लोगों को इस स्कीम के बारे में और भी जागरूक किया जा सके।

ईज ऑफ लिविंग के मानदंड स्थापित हुए
पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि एक दौर था विकास की बात केवल बड़े शहरों तक ही सीमित रहती थी। वहां भी विकास का मतलब बस इतना ही रहता था कि खास-खास इलाकों में फ्लाइओवर, सड़कें और विकास की चीजें बनती थीं। यानी जिसका आम आदमी से लेना देना नहीं था, उसे विकास माना जाता था। लेकिन बीते कुछ सालों में इस सोच में बदलाव हुआ है। ईज ऑफ लिविंग के लिए नए मानदंड स्थापित किए जा रहे हैं।

2 करोड़ गरीब परिवारों को घर मिला तो लोगों की परेशानियां कम हुईं
पीएम ने कहा कि 2 करोड़ गरीब परिवारों को घर दिए जाते हैं तो इसका मतलब है वे सर्दी, गर्मी और बारिश के डर को छोड़कर जी सकेंगे। घर मिलने पर वे सारी परेशानियों से दूर हो जाते हैं। जब 100 करोड़ गरीब परिवारों को शौच के लिए बाहर जाने से मुक्ति मिलती है तो उनका जीवन बदल जाता है। गरीब पहले वह सोचता था कि गरीबों के लिए शौचालय नहीं होता, उसे तो बाहर ही शौच के लिए जाना पड़ता है, लेकिन अब उसकी सोच बदल रही है। जब सड़कें शहरों से गांवों को भी जोड़ती हैं, जब गरीब परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन मिलता है तो इससे उनका सशक्तिकरण होता है। जब एक व्यक्ति को आम सुविधाएं मिलती हैं तो वह देश के विकास के बारे में सोचता है। आज जनधन योजना जैसी ऐसी कई योजनाएं हैं, जो सामान्य आदमी को विकास के पथ पर आगे बढ़ा रही हैं।

हर घर में नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य ज्यादा दूर नहीं
कभी गुजरात के बड़े भाग में पानी जैसी जरूरत के लिए कई किलोमीटर पैदल जाना पड़ता है। राजकोट में तो पानी के लिए ट्रेन भेजनी पड़ती थी। एक एक कटोरी पानी लेकर बाल्टी भरनी पड़ती थी। आज सरकार की योजनाओं के जरिए कच्छ के इलाकों में भी मां नर्मदा का पानी पहुंच रहा है। हमारे यहां तो कहा जाता था कि मां नर्मदा के दर्शन मात्र से पुण्य मिलता है। आज तो स्वयं मां नर्मदा द्वार पर आकर दर्शन दे रही हैं। सरकार आज देश में नल से जल उपलब्ध कराने में ज्यादा दूर नहीं है। आजादी के दशकों बाद भी देश में सिर्फ 3 करोड़ परिवार घर में नल की सुविधा से जुड़े हुए थे।

आज गुजरात में देश को पहचान दिलाने वाला स्टैच्यू ऑफ यूनिटी है। हेल्थकेयर और मेडिकल फैसेलिटी में भी राज्य बहुत अच्छा काम कर रहा है। हर फील्ड में यहां विकास हो रहा है। गुजरात में डेवलप हो रही मेडिकल इमरजेंसी की सुविधा बेहतर स्थिति में है। इससे देश के हर व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ रहा है। इससे आम आदमी अपने सपने को पूरा करने पर ध्यान दे पा रहा है।

ओलिंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़यों की तारीफ की
पीएम ने कहा, इस बार ओलिंपिक्स में भारत के अब तक के सबसे अधिक खिलाड़ियों ने क्वालीफाई किया है। याद रहे ये 100 साल की सबसे बड़ी आपदा से जूझते हुए किया है। कई तो ऐसे खेल हैं जिनमें हमने पहली बार क्वालीफाई किया है। सिर्फ क्वालीफाई ही नहीं किया बल्कि कड़ी टक्कर भी दे रहे हैं। भारतीय खिलाड़ियों का जोश, जुनून और जज़्बा आज सर्वोच्च स्तर पर है। ये आत्मविश्वास तब आता है जब सही टैलेंट की पहचान होती है, उसको प्रोत्साहन मिलता है। ये आत्मविश्वास तब आता है जब व्यवस्थाएं बदलती हैं, ट्रांसपेरेंट होती हैं। ये नया आत्मविश्वास न्यू इंडिया की पहचान बन रहा है। आज भारत के हर कोने में ये विश्वास सामने आ रहा है। गांव, कस्बों से प्रतिभावान लोग आगे आ रहे हैं।

वैक्सीन लेने और सोशल डिस्टेंसिंग रखने का आग्रह भी किया
वैश्विक महामारी के इस दौर में हमें सावधानी बनाए रखनी है। आज देश 50 करोड़ वैक्सीनेशन के लक्ष्य के करीब पहुंच गया है, लेकिन हमें मास्क भी लगाना है और सोशल डिस्टेंसिंग भी रखनी है। हम देख रहे हैं कि जिन देशों में मास्क हटाए गए थे, वहां केस फिर से बढ़ने लगे हैं। आजादी के अमृत महोत्सव में ये संकल्प लेना है कि इस अभियान में गरीब-अमीर, बच्चे, पुरुष महिलाएं सबकी बराबर भागीदारी होनी चाहिए।

क्या है प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना
यह फूड सेफ्टी वेलफेयर स्कीम है, जिसे पिछले साल कोरोना महामारी के फैलने के दौरान केंद्र सरकार ने मार्च में लॉन्च किया था। इस स्कीम का संचालन केंद्रीय कंज्यूमर अफेयर्स, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन मंत्रालय के तहत आने वाला डिपार्टमेंट ऑफ फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन करता है।

इस योजना के तहत कोविड के दौरान फूड सिक्योरिटी सुनिश्चित करने के लिए पिछले साल 948 लाख मीट्रिक टन अनाज का आवंटन किया गया था, जो कि सामान्य वर्षों के मुकाबले 50% ज्यादा है।
2020-21 के दौरान फूड सब्सिडी पर 2.84 लाख करोड़ रुपए खर्च किए गए।
गुजरात के करीब 3.3 करोड़ लाभार्थियों को 25.5 लाख मीट्रिक टन अनाज मिला। फूड सब्सिडी में से इस पर 5 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए।
अप्रवासी लाभार्थियों के लिए फूड सिक्योरिटी सुनिश्चित करने के लिए 33 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में वन नेशन वन राशन कार्ड की सुविधा शुरू की गई है।

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