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ऑपरेशन सिंदूर में 100 से ज्यादा आतंकी हुए ढेर, पाकिस्तान सेना के 40 जवान और अफसर मारे गए; प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले DGMO

पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया. जिसके तहत पाकिस्तान में स्ट्राइक की गई. वहीं आज शाम भारत की तीनों सेनाओं ने एकसाथ मिलकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. यह पहला मौका था, जब तीनों सेनाएं- भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने एक साथ आकर इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीनियर कमांडर्स मौजूद रहे. इसमें एयर मार्शल एके भारती, लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और मेजर जनरल एसएस शारदा मौजूद रहे. आइए जानते हैं प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या-क्या बातें बताई गईं.

100 से ज्यादा आतंकी ढेर किए गए
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया ‘हमने आतंकी ठिकानों की सटीक पहचान की और इनके सबूत वापस लाने की प्रॉसेस भी सुनिश्चित की. सीमा पार 9 आतंकी ठिकानों पर हमने 100 आतंकवादी मारे. इतना ही नहीं, हमने कंधार हाईजैक और पुलवामा अटैक में शामिल 3 बड़े आतंकियों को भी मार गिराया. इनके नाम आतंकी मुदस्सर खास, हाफिज जमील, यूसुफ अज़हर ढेर किए गए’

साथ ही, डायरेक्टर जनरल ऑफ एयर ऑफरेशन एयरमार्शल भारती ने बताया, ‘पहलगाम आतंकी हमले के बाद हमारे पास कोई और रास्ता नहीं बचा था. हमने काफी फोकस होकर टारगेट का चयन किया. और 9 में से 6 टारगेट एयरकैंप को दिए गए. इनमें बहावलपुर और मुरीदके के टेररिस्ट कैंप भी शामिल थे.’

मुरीदके के आतंकी ठिकानों पर मिसाइल अटैक
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डायरेक्टर जनरल ऑफ एयर ऑफरेशन एयरमार्शल भारती ने कहा- ‘हमने एयर टू सरफेस मिसाइल से मुरीदके स्थित आतंकी ठिकानों को टारगेट किया, ताकि कोलैटरल डैमेज को कम किया जा सके. मुरीदके के टेररिस्ट कैंप में हवा से सतह पर मार करने वाली 4 टारगेटेड मिसाइल से अटैक किया गया और उसे न्यूट्रलाइज्ड किया गया.’

‘ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ’ 
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई अहम जानकारी दी. उन्होंने बताया- ‘ऑपरेशन सिंदूर साफ तौर पर आतंकवाद के साजिशककर्ताओं के खिलाफ था. यह ऑपरेशन उनके ठिकानों को तबाह करने के लिए किया गया था.’

उन्होंने आगे बताया, ‘हमने सीमा पार आतंकी कैंप और इमारतों को पहचाना. इनमें से कई को पहले ही खाली करा दिया गया दिया था, क्योंकि उन्हें हमारी कार्रवाई का डर था. हमने इस ऑपरेशन में सिर्फ आतंकवादियों को टारगेट किया. हमने 9 आतंकी ठिकानों को एजेंसियों के जरिए पहचाना. कुछ पीओके में थे और कुछ पाकिस्तान में थे. मुरीदके में लश्कर ए तैयब्बा का हेडक्वार्टर था. यहीं पर अजमल कसाब और डेविड हेडली ने ट्रेनिंग ली थी.’

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