Chaitra Navratri 2022: शिव की नगरी काशी में नौ गौरी का अलग-अलग मंदिर, जानिए इनका महात्म
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को भक्त मुख निर्मालिका गौरी का आशीष लेकर व्रत की शुरुआत करेंगे और तीसरे दिन सौभाग्य गौरी से सौभाग्य की कामना करेंगे। काशी में देवी गौरी के नौ रूपों का मंदिर अलग-अलग स्थानों पर स्थित है। नवरात्रि के पहले दिन माता मुखनिर्मालिका गौरी के दर्शन का विधान बताया गया है।
जिस दिन जिस गौरी के दर्शन का महात्म होता है उस दिन उसी मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। चैत्र नवरात्रि के अवसर पर आपको बताते हैं अलग-अलग गौरी का महात्म और काशी में कहां-कहां स्थित हैं नौ गौरियों का मंदिर। नीचे की स्लाइड्स में देखें…..
प्रथम मुख निर्मालिका गौरी
वासंतिक नवरात्र के पहले दिन मुख निर्मालिका गौरी का पूजन होता है। इनका विग्रह गायघाट स्थित हनुमान मंदिर में स्थित है। वहीं शक्ति के उपासक पहले दिन शैलपुत्री देवी का पूजन-अर्चन भी करते हैं। शैलपुत्री का मंदिर अलईपुर इलाके में स्थित है।