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अन्ना यूनिवर्सिटी यौन उत्पीड़न केस में अदालत ने दोषी को सुनाई सख्त सजा, आजीवन कारावास के साथ 90 हजार का जुर्माना

अन्ना यूनिवर्सिटी यौन उत्पीड़न केस में महिला अदालत ने फैसला सुना दिया है. चेन्नई की अदालत ने बिरियानी वेंडर ज्ञानशेखरन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. जज एम राजलक्ष्मी ने 90 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. चेन्नई की महिला अदालत ने इस मामले को बहुत ही जल्दी से निपटाया है. अन्ना यूनिवर्सिटी के इस केस को लेकर पुलिस प्रशासन के साथ-साथ सरकार भी सवाल उठा था.

अन्ना यूनिवर्सिटी के परिसर में एक छात्रा के यौन उत्पीड़न मामले में तमिलनाडु के चेन्नई की महिला अदालत ने आरोपी ज्ञानशेखरन को बलात्कार सहित 11 मामलों में दोषी पाया था. इसके बाद 2 जून को सजा सुनाने की तारीख रखी गई थी. अब अदालत ने ज्ञानशेखरन को 30 वर्षों तक की आजीवन कारावास की सजा सुनाई और आर्थिक दंड भी दिया है.

घटना के तुरंत बाद गिरफ्तार हो गया था ज्ञानशेखरन

इस मामले में आरोप पत्र 24 फरवरी को विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से दायर किया गया था, जिसने ग्रेटर चेन्नई पुलिस से अपने हाथ में केस लिया था. स्थानीय पुलिस ने सड़क किनारे बिरयानी बेचने वाले और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले ज्ञानशेखरन को घटना के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया था.

क्या था पूरा मामला

यह मामला 23 दिसंबर, 2024 को हुआ था. पीड़िता इंजीनियरिंग की छात्रा थी और अपने पुरुष मित्र के साथ परिसर में थी. ज्ञानशेखरन ने अंतरंग संबंधों का एक फर्जी वीडियो दिखाकर उन्हें धमकाया और चेतावनी दी कि वह इसे विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ शेयर कर देगा. आरोप था कि छात्रा के मित्र के साथ मारपीट की गई. इसके बाद उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया. ज्ञानशेखरन ने वीडियो भी बनाया था और वह बार-बार धमका भी रहा था. छात्रा ने दोबार न मिलने की धमकी से परेशान होकर पुलिस में शिकायत दर्ज करवायी. इस दौरान उसके परिवार ने पूरा साथ दिया. पुलिस में शिकायत दर्ज होने के बाद मामले का खुलासा हुआ.

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