महाकुंभ 2025 पर पीएम मोदी का संदेश, सीएम योगी बोले- ‘आपका मार्गदर्शन नई ऊर्जा देता है’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार सुबह 9 बजे महाकुंभ 2025 को लेकर अपने विचार साझा किए और इसे भारत की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की हजारों वर्षों की परंपरा, आस्था और एकता का जीवंत उदाहरण है.
पीएम मोदी के विचार: महाकुंभ केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि जीवनदर्शन है
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि महाकुंभ भारतीय संस्कृति, सनातन परंपरा और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम है. करोड़ों श्रद्धालु यहां आकर संस्कृति और अध्यात्म से जुड़ते हैं, जिससे उन्हें आत्मिक शांति और ऊर्जा मिलती है.
सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री मोदी के इस संदेश पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
‘आपका मार्गदर्शन एवं सुभेच्छाएं हम सभी को सदैव एक नई ऊर्जा प्रदान करती हैं.’
सीएम योगी ने यह भी कहा कि महाकुंभ 2025 का आयोजन दिव्य और भव्य होगा और यूपी सरकार इसकी तैयारियों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है.
महाकुंभ 2025 की भव्य तैयारियां
पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महाकुंभ 2025 के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की. इस बार का आयोजन पहले से अधिक व्यवस्थित, आधुनिक और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के अनुरूप होगा. सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वच्छता, सुरक्षा और यातायात पर विशेष ध्यान दिया है.
महाकुंभ: भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक
महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और धार्मिक आयोजन है, जहां करोड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करके मोक्ष की प्राप्ति का संकल्प लेते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि यह आयोजन भारतीय एकता, श्रद्धा और सामाजिक समरसता का सबसे बड़ा उत्सव है.
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‘वसुधैव कुटुंबकम’ का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ को ‘वसुधैव कुटुंबकम’ यानी ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की भावना को साकार करने वाला बताया. दुनियाभर से श्रद्धालु इस आयोजन में भाग लेने आते हैं, जो इसे वैश्विक स्तर पर अनूठा बनाता है.
महाकुंभ 2025 को लेकर प्रधानमंत्री मोदी का संदेश और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का उत्सव है. यह न केवल भव्य होगा, बल्कि यह दुनिया के लिए भारत की आध्यात्मिक शक्ति और सांस्कृतिक समृद्धि का भी प्रदर्शन करेगा.