हाथ में ढफली, जुबां पर जै जै जै जय भीम… महाराष्ट्र चुनाव में कन्हैया कुमार का ‘जेएनयू अवतार’

महाराष्ट्र चुनाव (Maharashtra Election) के बीच कांग्रेस ने युवा चेहरे कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) को उतार कर महाविकास अघाड़ी (Mahavikasaghadi) के पक्ष में माहौल बनाने के लिए नया दांव चला है. कन्हैया ने मुंब्रा (Mumbra) की रैली के दौरान हाथों में डफली लेकर जमकर जै भीम, जै भीम (Jai Bheem) के नारे लगाते हुए ढपली बजाकर समा बांध दिया. कन्हैया कुमार NCP (SP) गुट के विधायक जितेंद्र अव्हाड (Jitendra Awhad) के समर्थन में जनसभा करने पहुंचे थे. कन्हैया का भाषण सोशल मीडिया पर खूब पसंद किया जा रहा है. कन्हैया का निजी सियासी स्कोर भले ही जीरो हो लेकिन महाअघाड़ी (MVA) को उनके भाषण और लुभावने अंदाज से एक मौका दिख रहा है.
जब कन्हैया ने बजाई ढपली दिखा JNU वाला अवतार-
‘जय भीम’ पर फोकस क्यों?
कांग्रेस का फोकस इस चुनाव में ‘भीम-मीम’ एकता पर दिख रहा है. कन्हैया की बातों की इसलिए जोर शोर से चर्चा हो रही है क्योंकि महाराष्ट्र का दलित आंदोलन देश के दूसरे राज्यों से ज्यादा सशक्त रहा है. महाराष्ट्र में अनुसूचित जाति की आबादी करीब 12 फीसदी है. जो महार और गैर महार जातियों के बीच बंटी हुई है. दलित समाज में करीब 60 अलग-अलग जातियां हैं. दलितों में महार जाति की आबादी करीब 50 फीसदी है. बाकी 50 फीसदी में कोरी खटीक, मातंग, भेड़, ढोर, डोम औलख और गोतराज जैसी जातियां हैं.
महाराष्ट्र में देशभर की तरह बाबा साहेब को मानने वाले बड़ी संख्या में हैं. करोड़ों लोग उनकी विचारधारा से जुड़ाव रखते हैं. महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 में से 5 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. वहीं विधानसभा की 288 में से 29 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. पुणे, नागपुर और थाणे जिले में अनुसूचित जाति की सबसे अधिक आबादी है. मुंबई की कई विधानसभा सीटों पर दलित वोटर प्रमुख भूमिका में हैं. विधानसभा की 29 आरक्षित सीटों के अलावा करीब 65 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां अनुसूचित जाति की आबादी 15 फीसदी से अधिक है.
पिछले विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों में से सबसे अधिक सीटें बीजेपी ने जीती थीं. लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं था. ऐसे में महायुति दलित मतदाताओं को साधने के लिए जय भीम के नारे पर फोकस कर रही है.
देवेंद्र फडणवीस की पत्नी पर साधा था निशाना
आपको बताते चलें कि हाल ही में कन्हैया अचानक विवादों में आ गये थे, जब उन्होंने डिप्टी सीएम पर पर्सनल अटैक किया था. कन्हैया ने फडणवीस के ‘वोट जिहाद’ और ‘धर्म-युद्ध’ वाले पुराने बयान की आलोचना करते हुए एक रैली में कहा – ‘जो धर्म बचाने की बात कहे, उससे पूछिए कि ऐसा तो नहीं होगा न कि धर्म बचाने की जिम्मेदारी हमारी होगी और ऑक्सफोर्ड-कैम्ब्रिज में पढ़ने की जिम्मेदारी आपके बच्चों की. धर्म बचाना है तो सब मिलकर बचाएंगे. ऐसा तो नहीं होगा न कि हम धर्म बचाएंगे और डिप्टी सीएम की पत्नी रील्स बनाएंगीं.’