देश

Mohammed Moizzu: ‘उम्मीद है अब ज्यादा भारतीय मालदीव आएंगे’, PM मोदी के आगे मुइज्जू का सरेंडर, बांधे तारीफों के पुल

पिछले साल ‘इंडिया आउट’ का नारा देकर सत्ता में आए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू को लगता है कि एक साल में ही ‘सत्य का ज्ञान’ हो चुका है. वे समझ चुके हैं कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत से बैर करके मालदीव चल नहीं सकता है. देश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था और बढ़ते विदेशी कर्ज से परेशान मोइज्जू अब कई उम्मीदें लेकर भारत की 5 दिवसीय यात्रा पर आए हैं. यात्रा के दूसरे दिन उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की तो इस दौरान भारत की तारीफों के पुल बांध दिए

पिछले साल नवंबर में मोइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से मालदीव लगातार खराब अर्थव्यवस्था का सामना कर रहा है. इसके साथ ही उस पर विदेशी कर्ज भी लगातार बढ़ता जा रहा है. इसकी वजह उनका भारत विरोध रहा, जिसने उनके देश को डुबोने में अहम भूमिका निभाई. अब भारत से रिश्ते सुधारने की चाहत के लिए मोइज्जू भारत पहुंचे हैं.

पीएम मोदी ने दिखाया बड़ा दिल

यात्रा के दूसरे दिन उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात कई मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान पीएम मोदी ने मोइज्जू के साथ मिलकर भारत की मदद से पुनर्निमित किए गए मालदीव के हनीमाधू इंटरनेशल एयरपोर्ट का वर्चुअली उद्घाटन भी किया. इसके साथ ही मालदीव में भारत के Rupay कार्ड को भी लॉन्च किया गया, जिससे भारतीय पर्यटकों को फायदा होगा. यही नहीं, पीएम मोदी ने भारत की मदद से 700 सोशल हाउसिंग यूनिट्स को भी मोइज्जू के सुपुर्द किया.

मालदीव को आर्थिक संकट से बचाएगा भारत!

दोनों राष्ट्र प्रमुखों ने आपसी कारोबारी संबंध बढ़ाने के लिए मालदीव के अड्डू और भारत के बेंगलुरु में वाणिज्य दूतावास खोलने पर भी चर्चा की. बैठक में पीएम मोदी ने मोइज्जू को आश्वासन दिया कि मालदीव सरकार को आवश्यक बजटीय राहत प्रदान करने के लिए भारत एक और वर्ष के लिए 50 मिलियन डॉलर का ट्रेजरी बिल पेश करेगा. दोनों नेताओं ने भारत और मालदीव में मुक्त व्यापार समझौते पर भी बातचीत शुरू करने के लिए सहमति जताई.

भारत एक प्रमुख भागीदार, संकट के समय खड़ा रहा – मोइज्जू

भारत के खिलाफ ‘इंडिया आउट’ अभियान चलाने के बावजूद संकट में भारत की मदद मिलने से मोइज्जू गदगद नजर आए. उन्होंने संकट के समय मालदीव की आर्थिक सहायता करने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया. इसके साथ ही स्वीकार किया कि भारत एक प्रमुख भागीदार है, जो जरूरत के समय हमेशा द्वीपीय राष्ट्र (मालदीव) के साथ खड़ा रहा है.

‘मुझे मालदीव में और भारतीय पर्यटक आने की उम्मीद’

पीएम मोदी से मिलने के बाद मोइज्जू ने मालदीव के टूरिज्म सेक्टर के पटरी पर आने की उम्मीद जताई. मोइज्जू ने कहा, ‘मालदीव के लिए भारतीय पर्यटक आमदनी के बड़े स्रोत हैं. मुझे मालदीव में और अधिक भारतीय पर्यटकों का स्वागत करने की उम्मीद है.’ इस दौरान मोइज्जू ने पीएम मोदी को मालदीव का दौरा करने के लिए आमंत्रित भी किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया.

मुखिया की तरह मोदी ने मोइज्जू को समझाया

इस मुलाकात में पीएम मोदी उन्हें परिवार के मुखिया की तरह समझाते नजर आए. उन्होंने मोइज्जू को पड़ोसी देशों के प्रति भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति और SAGAR (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के बारे में बताया. साथ ही दोनों मुल्कों के संबंधों को गहरा करने पर चर्चा की.

पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत और मालदीव के संबंध सदियों पुराने हैं. भारत मालदीव का निकटतम पड़ोसी और करीबी दोस्त है. मालदीव हमारी पड़ोस नीति और SAGAR विजन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. कोई भी संकट आने पर भारत ने ने हमेशा मालदीव के लिए पहले रिस्पॉन्डर की भूमिका निभाई है.’

‘मालदीव की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया काम’

पीएम मोदी ने मोइज्जू से कहा कि हमने हमेशा मालदीव के लोगों की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर काम किया है. उन्होंने मालदीव को आर्थिक मंदी से उबारने के लिए भारत की ओर से अहम आर्थिक सहायता देने के भारत के फैसले की भी घोषणा की. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इस साल SBI ने मालदीव की ट्रेजरी बेंच को 100 मिलियन डॉलर का रोलओवर किया. इसके साथ ही मालदीव की जरूरतों के मुताबिक 400 मिलियन डॉलर और 3000 करोड़ रुपये के करेंसी स्वैप समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए.’

भारत और मालदीव के बीच संबंध तब से खराब हो गए थे, जब से मुइज्जू ने ‘इंडिया आउट’ अभियान पर राष्ट्रपति पद जीता. राष्ट्रपति बनते ही मोइज्जू ने द्वीपीय राष्ट्र से वहां राहत कार्य के लिए भेजे गए 72 भारतीय सैनिकों को निकालने की मांग शुरू कर दी. ये सैन्यकर्मी वहां मानवीय मदद के लिए तैनात किए गए तीन विमानों के संचालन और मेनटिनेंस के लिए मौजूद थे.

पीएम मोदी के मास्टर स्ट्रोक ने बदल दी तस्वीर

इसके बाद पीएम मोदी ने मास्टर स्ट्रोक चलते हुए लक्षद्वीप का दौरा किया और ट्विटर पर खूबसूरत बीच की तस्वीरें अपलोट कर भारतीयों से वहां घूमने की अपील की. इस अपील में उन्होंने मालदीव का कोई नाम नहीं लिया था. इसके बावजूद बॉयकाट मालदीव का ऐसा ट्रेंड शुरू हुआ, जिसने टूरिज्म पर गुजर- बसर कर रहे मालदीव की रीढ़ हिला दी.

मोइज्जू को उम्मीद थी कि चीनी टूरिस्ट मालदीव पहुंचकर इसकी भरपाई कर देंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और न ही चीन से कोई आर्थिक मदद मिली. इसके बाद मोइज्जू के होश ठिकाने आ गए और वे डैमेज कंट्रोल में जुट गए.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button