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‘ISRO की स्थापना पंडित नेहरू ने की, PM जहां जाते हैं सिर्फ क्रेडिट लेना चाहते हैं’, कांग्रेस का प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (26 अगस्त) को बेंगलुरु में चंद्रयान-3 मिशन का हिस्सा रहे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने घोषणा की कि जिस बिंदु पर चंद्रयान-3 उतरा, उस बिंदु को शिवशक्ति (Shivshakti) कहा जाएगा. पीएम ने कहा कि शिव की बात होती है तो शुभम् होता है और शक्ति की बात होती है तो मेरे देश के नारी शक्ति की बात होती है.

पीएम मोदी की इस घोषणा के बाद कांग्रेस ने उनपर निशाना साधा. कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि इसरो के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और टैक्नीशियनों ने देश को गौरवान्वित किया है. उन्होंने इसरो की विरासत को आगे बढ़ाया है. उन्होंने उस परंपरा को आगे बढ़ाया है जिसके लिए पूर्व पीएम पंडित नेहरू ने इसरो की स्थापना की थी. इसरो ने लगातार तिरंगे का मान बढ़ाने का काम किया है.

“प्रधानमंत्री मोदी श्रेय लेना चाहते हैं”

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जहां भी जाते हैं वह श्रेय लेना चाहते हैं. मुझे उन नामों पर कोई आपत्ति नहीं है जो उन्होंने (पीएम मोदी) दिए हैं. मुझे लगता है कि पीएम मोदी की ओर से इतने बड़े मिशन का क्रेडिट लेना, जिसे हमारे वैज्ञानिकों ने पूरा किया, थोड़ा अनुचित है.

पीएम मोदी ने क्या कुछ कहा?

पीएम मोदी चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद इसरो के वैज्ञानिकों से मिलने के लिए ग्रीस की राजधानी एथेंस से शनिवार सुबह सीधे बेंगलुरु पहुंचे थे. उन्होंने ये भी घोषणा की कि चंद्रमा की सतह पर जिस स्थान पर चंद्रयान-2 ने 2019 में अपने पदचिह्न छोड़े थे, उसे तिरंगा पॉइंट के नाम से जाना जाएगा.

चांद के दक्षिणी ध्रुव पर की थी सॉफ्ट लैंडिंग

उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर के चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने की याद में भारत 23 अगस्त की तारीख राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाएगा. चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी. चांद के इस हिस्से पर पहुंचने वाला भारत पहला देश भी बन गया है.

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