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भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत में राहुल गांधी में आ गया था अहंकार, खुद बताया- कैसे टूटा

भारी बर्फबारी के बीच सोमवार (30 जनवरी) को कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह का आयोजन हुआ. इस मौके पर शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में लोगों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि मेरे दिल में था कि रास्ता आसान होगा. मैंने सोचा था कि चलना मुश्किल काम नहीं होगा पर थोड़ा सा अहंकार आ गया. उन्होंने आगे कहा कि जैसा आ जाता है, लेकिन फिर बात बदल गई.

समापन समारोह में राहुल गांधी ने अपने ऊपर से छाता हटवा दिया और खुले आसमान के नीचे लोगों को संबोधित किया. राहुल गांधी ने कहा कि कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा शुरू होने के पांच-सात दिन बाद घुटने में दिक्कत आई थी. उन्होंने कहा कि सारा अहंकार धराशायी हो गया. फिर विचार आया कि कैसे चल पाऊंगा लेकिन मैंने किसी न किसी तरीके से यह काम पूरा कर दिया. उन्होंने कहा कि रास्ते में कई बार चलने में दर्द हुआ, मैंने यह दर्द कैसे भी करके सह लिया. उन्होंने कहा कि मुझे निर्भय होकर रहना सिखाया गया.

यात्रा के दौरान कुछ ऐसे हुआ दर्द गायब

राहुल गांधी ने कहा कि छोटी लड़की ने मुझे यात्रा के दौरान मिली. उसने लिखा कि मुझे पता है कि आपके घुटने में दर्द है, क्योंकि जब आप उस पैर पर दबाव देते हैं, तो वो आपके चेहरे पर दिखता है. मैं आपके साथ नहीं चल सकी, लेकिन मैं दिल से आपके बगल में चलूंगी. मैं जानती हूं कि आप हम सभी के लिए चल रहे है, उसी दिन से मेरा दर्द गायब हो गया.

बताई स्वेटर न पहनने की वजह

राहुल गांधी ने कहा कि यात्रा के दौरान में एक और छोटी लड़की आई. जो भीख मांगती थी, वो मेरे साथ चली. उस लड़की को ठंड लग रही थी. वो कांप रही थी. फिर मैंने सोचा कि ये लोग स्वेटर नहीं पहनते है, तो मुझे भी नहीं पहनना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुझे ऐसी भी महिलाएं मिली जिन्होंने कहा कि हमारे साथ बलात्कार हुआ है, संबंधियों ने भी किया, ऐसी महिलाओं की दास्तान सुनने को मिली.

अहंकार पर आक्रमण करना भगवान शिव की सोच- राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि मेरा अपना घर नहीं है, मैं सरकारी घरों में रहा हूं, घर मेरे लिए एक जीने का और सोचने का तरीका है. उन्होंने कहा कि जिस चीज को लोग कश्मीरियत कहते हैं, उसको मैं अपना घर मानता हूं. उन्होंने कहा कि जो शिव जी की सोच है. अपने आप पर, अपने अहंकार पर आक्रमण करना. उन्होंने कहा कि इस्लाम में फना का मतलब है कि अपनी सोच पर आक्रमण करना.

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