
स्नेक वेनम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर एलविश यादव के खिलाफ कानूनी कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया है. एलविश यादव पर एक रेव पार्टी में शामिल होने का आरोप है, जिसमें स्नेक वेनम और अन्य ड्रग्स की आपूर्ति और सेवन करने का आरोप लगा था.
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार सांप के जहर के मामले में आरोपपत्र और आपराधिक कार्यवाही को यूट्यूबर एल्विश यादव ने चुनौती दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता को नोटिस जारी किया है.
जस्टिस एम. एम. सुंदरेश और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच एलविश यादव की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता को एलविश यादव की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ एलविश यादव की उस अपील पर सुनवाई कर रहा था जिसमें उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट से पहले एलविश यादव ने मई महीने में उनके खिलाफ समन जारी करने और चार्जशीट को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हालांकि, हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी और उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि इस मामले की कानूनी जांच की आवश्यकता है.
आरोपपत्र में कहा गया कि विदेशियों और अन्य लोगों ने रेव पार्टी के दौरान नशे के रूप में सांप के जहर का सेवन किया था. एलविश यादव को पिछले साल मार्च में नोएडा पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया था. एलविश यादव के वकील ने हाईकोर्ट में दलील दी थी कि आवेदक और सह-आरोपी के बीच कोई संबंध स्थापित नहीं हुआ है. इसके अलावा उनके पास से कोई सांप, मादक पदार्थ या नशीला पदार्थ बरामद नहीं हुआ था
वकील ने कहा कि शिकायतकर्ता पशु कल्याण अधिकारी नहीं है, फिर भी उसने खुद को पशु कल्याण अधिकारी बताते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी. वकील ने कहा कि यादव एक जाने-माने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं जो टेलीविजन पर कई रियलिटी शो में दिख चुके हैं, ऐसे में प्राथमिकी में उनका नाम आने से मीडिया का बहुत ध्यान आकर्षित हुआ है.