महोबा जिला अस्पताल बना कुत्तों का अड्डा, हॉस्पिटल में खून की थैलियों से खेलते नजर आए डॉग

यूपी के महोबा जिला अस्पताल में आवारा कुत्तों का आतंक है. मरीजों से लेकर उनके तीमारदार और अस्पताल स्टाफ भी परेशान हैं. बीती रात कुत्ते वार्ड के अंदर खून की थैली से खेलते हुए नजर आए. जिसके बाद यहां की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.
अस्पताल में कुत्तों का ऐसा आतंक है कि वो वार्ड के अंदर ब्लड की थैली से खेलते नजर आए. न कोई उन्हें भगाने आया, न किसी ने परवाह की. कभी वे दवाइयों की बोतलों से खेलते हैं, तो कभी पॉलिथीन और खाली इंजेक्शन की सीरिंज को मुंह में दबाकर वार्डों में दौड़ते हैं.
आवारा कुत्तों से मरीजों में दहशत
जिला अस्पताल में कुत्तों के आतंक की वजह से मरीजों में दहशत का माहौल है. हालत ये है कि अस्पताल परिसर में कुत्ते बेधड़क घूमते रहते हैं, रात के समय में तो इनका आतंक और भी ज्यादा बढ़ जाता है. मरीज से तीमारदार तक परेशान हैं और स्टाफ बेबस नजर आ रहा है.
मरीजों के बेड पर चढ़ जाना तो कुत्तों के लिए अब आम बात हो चुकी है. प्रतापपुरा निवासी तीमारदार गंगा सिंह ने कहा कि रात में कम से कम 5-6 कुत्ते वार्डों में घूमते रहते हैं. कई बार वे मरीजों के बिस्तर पर ही सो जाते हैं. मरीजों को डर लगता है कि कहीं ये काट न लें. बीमार व्यक्ति जो इलाज कराने आया है, उसे कुत्तों से और बीमारियों का खतरा झेलना पड़ रहा है.
जिला अस्पताल में गंदगी का अंबार
अस्पताल में स्टाफ भी सीमित है और सुरक्षा के लिए न तो कोई गार्ड है न होमगार्ड. रात में कुछ ही स्टाफ यहां मौजूद रहता है जो सभी वार्डों की जिम्मेदारी उठाए हुए हैं. स्टाफ का कहना है कि नशे में धुत लोग रात में आकर हंगामा करते हैं और ऊपर से कुत्तों का खतरा अलग से बना रहता है. साफ-सफाई का हाल भी बेहाल है. गंदे बाथरूम, बदबूदार वार्ड और अब कुत्तों का आतंक इन सबके बीच मरीज मानसिक और शारीरिक रूप से टूटते जा रहे हैं.
इस मामले पर सीएमएस डॉ. पी.के. अग्रवाल ने मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा कि लापरवाह कर्मचारियों को नोटिस जारी किया जाएगा. साथ ही सीएमओ से गार्ड की तैनाती की मांग की गई है और जब तक गार्ड नहीं मिलते, तब तक एक होमगार्ड को रात में ड्यूटी पर लगाया जाएगा.