अमेरिका से ही 55 साल पहले मिला था जो घातक हथियार, उसी से इजरायल को दहला रहा ईरान

अमेरिका ने शायद ही कभी सोचा था कि 55 साल पहले ईरान को जो घातक हथियार उसने दिए थे, आज वही उसके दोस्त इजरायल के लिए काल बन गए हैं. ईरान के पास अमेरिका से 1970 के दशक में मिले लड़ाकू विमान एफ-14 टॉमकैट्स हैं, जो अपने वक्त में सबसे घातक फाइटर जेट थे. उस वक्त ईरान में अमेरिका और पश्चिमी देशों के समर्थन वाली सरकार थी. तब रजा पहलवी की सरकार को 79 ऐसे एफ-14 विमान अमेरिका ने मुहैया कराए थे. ये फाइटर जेट अभी भी इतने मारक हैं कि 55 साल बाद भी ईरान इनका इस्तेमाल कर रहा है.
शीतयुद्ध के दौरान सोवियत संघ के मिग-21 जैसे विमानों का मुकाबला करने के लिए अमेरिका ने टॉमहैक फाइटर जेट तैयार किया था. अमेरिकी वायुसेना ने वियतनाम, इराक, अफगानिस्तान से लेकर लीबिया में ऐसे लड़ाकू विमानों से हमला बोला था. अब दुनिया में सिर्फ ईरान ही इनका इस्तेमाल कर रहा है. ईरान के सैन्य अड्डों और परमाणु संयंत्रों के साथ इजरायल इन लड़ाकू विमानों को भी निशाना बना रहा है.
1986 की टॉप गन फिल्म में एफ-14 फाइटर जेट को दिखाया गया था और इसे काफी लोकप्रियता मिली थी. टॉम क्रूज अभिनीत फिल्म में मिग और एफ-14 फाटर जेट के बीच कांटे की टक्कर दिखाई गई थी. 2022 में इस फिल्म का सीक्वल भी आया, जिमें वो दुश्मन के उन्नत जेट विमानों से मुकाबला करता दिखा.
अमेरिकी नौसेना ने 2006 में एफ-14 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल बंद कर दिया था. बोइंग के एफए-18 सुपर हार्नेट फाइटर जेट के बाद इसे रिटायर कर दिया गया.
अमेरिका ने ईरान में 1979 की इस्लामिक क्रांति के करीब एक दशक पहले ये लड़ाकू विमान का सौदा उससे किया था. अमेरिका ने बाद में उस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए, फाइटर जेट के उपकरण भी नहीं दिए, लेकिन ईरान इन्हें अपने बलबूते चलाता रहा. सोमवार को इजरायल ने ईरान के दो एफ-14 लड़ाकू विमानों को हवाई हमले में ध्वस्त कर दिया था.
एविएशन एक्सपर्ट रिचर्ड अबोलाफिया ने कहा कि एफ-14 जब लॉन्च हुआ था तो यह उस वक्त का सबसे घातक हथियार था. अमेरिका ने 79 फाइटर जेट का पूरा बेड़ा ईरान को दिया था, तब सुन्नी गुट वाले देश सऊदी अरब और यूएई से अमेरिका के रिश्ते ठीक नहीं थे. आज जब इजरायल अमेरिका का सबसे उन्नत एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट इस्तेमाल कर रहा है. लेकिन ईरान उसके पुराने विमानों से ही लोहा ले रहा है.
शीत युद्ध के दौर में अमेरिका ऐसा इंटरसेप्टर एयरक्रपाट चाहता था, जो लंबी दूरी के सोवियत संघ के बमवर्षक विमानों का मुकाबला कर सके और लंबी दूरी की मिसाइलों के खतरे से निपट सके. तब एफ-4 फैंटम 2 की जगह मैकडॉनल डगलस कंपनी ने एफ-14 फाइटर जेट तैयार किया था.
अमेरिका ने ऑपरेशन फ्रीक्वेंट विंड के दौरान पहली बार एफ-14 को तैनात किया था. वियतनाम युद्ध के आखिर में 1975 से सैगोन से अपने सैनिकों को सुरक्षित निकालने में इसका इस्तेमाल हुआ. The Tomcat ने 1981 में लीबिया में सोवियत के Su-22 फाइटर जेट के खिलाफ अपना दमखम दिखाया. 1991 में जब इराक में सद्दाम हुसैन के खिलाफ अमेरिकी अगुवाई में पश्चिमी देशों की गठबंधन सेनाओं ने धावा बोला, तब भी एफ 14 ने धुआंधार बमबारी की थी. इराक के बाद अफगानिस्तान में भी तालिबान के खिलाफ इन विानों का अमेरिका ने इस्तेमाल किया था. लेकिन समय के साथ पुरानी होती तकनीक, अत्याधुनिक रडारों की पकड़ में आने और महंगे कलपुर्जों और मरम्मत की बढ़ती लागत के कारण इन्हें अमेरिका ने अलविदा कह दिया.