आखिरी उड़ान: बचपन का सपना पूरा कर बनी थी एयर होस्टेस, अहमदाबाद प्लेन क्रैश में महाराष्ट्र की रोशनी सोंघरे ने गंवाई जान

अपने बचपन का सपना पूरा करना रोशनी सोंघरे के लिए जानलेवा बन गया, जब अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश में एयर होस्टेस की जान चली गई. महाराष्ट्र के डोंबीवली की रहने वाली रोशनी बचपन से ही एयर होस्टेस बनना चाहती थी और इसके लिए उसने बहुत मेहनत की थी. उसका सफर 10×10 के कमरे से शुरू हुआ और गंतव्य एयर इंडिया के कैबिन क्रू बन गया.
रोशनी के पिता तकनीशियन हैं, लेकिन उन्होंने अपने बेटी के सपनों को उड़ान देने में कोई कमी नहीं छोड़ी. आखिरकार दो साल पहले रोशनी एयरहोस्टेस बनी और दो साल तक स्पाइसजेट में काम करने के बाद उसने एयर इंडिया जॉइन किया.
दो दिन पहले ही गांव आई थी रोशनी
अहमदाबाद प्लेन हादसे से दो दिन पहले ही रोशनी अपने गांव गई थी. दादा-दादी, चाचा-चाची, सबसे मिली थी. गांव के मंदिर में कुलदेवता के दर्शन भी किए थे. उसके बाद घर आते ही उसने लंदन की फ्लाइट पकड़ ली. इस साल परिवार वाले रोशनी के लिए रिश्ता भी तय करने वाले थे.
मां को नहीं दी गई बेटी की मौत की जानकारी
हादसे में अपनी भांजी को खो देने वाले मामा ने बताया कि उन्होंने अभी तक रोशनी की मां को कुछ नहीं बताया है, क्योंकि उनको बीपी की समस्या है. उसका छोटा भाई फिलहाल जहाज पर है, वह नेवी में तैनात है. ऐसे में केवल बड़े भाई और पिता ही रोशनी का शव लेने के लिए अहमदाबाद गए हैं.
रोशनी के पिता ने बताया कि एयर इंडिया की तरफ से आधिकारिक तौर पर किसी को कॉल नहीं आया है. हालांकि, एयर इंडिया के कुछ सहकर्मी अपने परिवार के साथ अहमदाबाद में हैं.
रोशनी के घर में तीन लोग
डोंबिवली की रहने वाली 26 वर्षीय कुमारी रोशनी राजेंद्र सोंघरे के परिवार में तीन लोग हैं. उसके पिता राजेंद्र धोंडू सोंघरे, 50 वर्ष, उसकी मां शोभा राजेंद्र सोंघरे, 45 वर्ष और उसका छोटा भाई विग्नेश राजेंद्र सोंघरे, 23 वर्ष.
रोशनी सोंघरे को आसमान से था प्यार
रोशनी सोंघरे के लिए फ्लाइट अटेंडेंट की नौकरी केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि उनकी मोहब्बत थी. उन्हें आसमान से और आसमान को उनसे बहुत प्यार था. वो फ्लाइट से जहां भी जाती थीं, इंस्टाग्राम पर उसकी जानकारी देती थीं. रोशनी के इंस्टाग्राम अकाउंट ‘स्काई लव्स हर’ पर 54 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. इस अकाउंट पर वह ट्रैवल व्लॉग्स बनाती थीं.