वक्फ कानून के खिलाफ बंगाल में फिर हिंसा, पुलिस पर पथराव, भीड़ ने गाड़ियां फूंकीं, कई ट्रेनें कैंसिल; जानें अब कैसे हैं हालात

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में शुक्रवार (11 अप्रैल, 2025) को वक्फ कानून (Waqf Amendment Act) के खिलाफ प्रदर्शन हिंसा में बदल गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया और कई वाहनों में आग लगा दी. उन्होंने सड़क-रेल यातायात को भी बाधित किया. भीड़ को कंट्रोल करने के दौरान करीब 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए. हालांकि, पुलिस का कहना है कि अब स्थिति काबू में है.
बंगाल पुलिस ने एक्स पर बताया कि सुती और शमशेरगंज इलाकों में हालात सामान्य हो गए हैं. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया है और नेशनल हाईवे पर यातायात बहाल हो गया है. पुलिस ने कहा कि हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. उपद्रवियों को पकड़ने के लिए छापेमारी चल रही है. साथ ही, अफवाह फैलाने वालों पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है.
कैसे उग्र हुआ प्रदर्शन?
एक पुलिस अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि जुमे की नमाज के बाद कुछ लोग शमशेरगंज में जमा हुए और वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया. उन्होंने नेशनल हाईवे -12 को ब्लॉक कर दिया. प्रदर्शन तब हिंसक हो गया, जब कुछ लोगों ने पुलिस की गाड़ी पर पथराव किया, जिससे पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई. उधर, मालदा में प्रदर्शनकारियों ने रेल पटरियों पर धरना दिया, जिससे ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं. पूर्वी रेलवे के फरक्का-आज़िमगंज खंड पर भी रेल यातायात बाधित रहा.
क्या बोले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा?
इस मामले में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर लिखा कि असम में, जहां मुस्लिम आबादी लगभग 40% है, वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे. वहां पुलिस की पहले से तैयारी थी, इसलिए स्थिति नियंत्रण में रही. उन्होंने कहा कि असम में सभी समुदाय बोहाग बिहू की तैयारी में जुटे हैं.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने सरकार से की ये अपील
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने राज्य सरकार से संवेदनशील क्षेत्रों में उपद्रव करने वालों के खिलाफ तुरंत और सख्त कार्रवाई करने को कहा है. उन्होंने कहा कि हमें इसकी आशंका थी, इसलिए हमने मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ भी जानकारी शेयर की थी.
कई ट्रेनें कैंसिल
इस प्रदर्शन के बाद रेलवे को कई ट्रेनों को कैंसिल करना पड़ा है. पूर्वी रेलवे ने एक्स पर बताया, “आज (11 अप्रैल 2025) पूर्व रेलवे के अजीमगंज – न्यू फरक्का रूट पर रेल सेवाएं बाधित हो गईं. दोपहर 2:46 बजे धूलियानगंगा स्टेशन के पास लगभग 5000 लोग रेलवे ट्रैक पर बैठ गए. इसकी वजह से कामाख्या पुरी एक्सप्रेस और कई दूसरी ट्रेनें रास्ते में फंस गईं. बरहरवा-अजीमगंज पैसेंजर ट्रेन को भी बल्लालपुर स्टेशन पर रोक दिया गया है क्योंकि आगे रास्ता साफ नहीं है.” रेलवे पुलिस, जीआरपी और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गई है और प्रदर्शन कर रहे लोगों से बात कर रही है.”
रेलवे ने कहा कि इस तरह से ट्रेनों को रोकने से यात्रियों को बहुत परेशानी होती है और ट्रेनों का समय भी बिगड़ जाता है.
बीएसएफ को किया गया तैनात
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के बीएसएफ डीआईजी और पीआरओ नीलोत्पल कुमार पांडे ने बताया कि आज मुर्शिदाबाद के जंगीपुर में वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए. अचानक भीड़ बेकाबू हो गई, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई. हालात को काबू में लाने के लिए बीएसएफ ने तुरंत सकारात्मक कदम उठाए. प्रशासन की मदद के लिए बीएसएफ के जवानों को तैनात किया गया है ताकि क्षेत्र में शांति और सामान्य स्थिति दोबारा बहाल की जा सके.