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Defence Deal: सेना को मिलेगी ‘नाग’ शक्ति, 1800 करोड़ की डील डन; पलक झपकते टैंक को तबाह करने वाला सिस्टम

भारतीय सेना को जल्द ही नाग मिसाइल सिस्टम की नई खेप मिलेगी. यह एक एंटी टैंक मिसाइल सिस्टम है, जो दुश्मनों के टैंक को पलक झपकते ही तबाह कर देता है. इसके लिए गुरुवार (27 मार्च) को रक्षा मंत्रालय ने डील पक्की की.

नाग मिसाइल सिस्टम के लिए आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड (AVNL) के साथ अनुबंध किया गया है. यह सौदा 1,801.34 करोड़ रुपये का हुआ. इसके तहत AVNL भारतीय सेना को यह एंटी टैंक मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति करेगा.

इसके साथ ही एक अन्य बड़ी डील भी हुई है. रक्षा मंत्रालय ने फोर्स मोटर्स लिमिटेड और महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के साथ लगभग 5,000 हल्के वाहनों के लिए अनुबंध किया है. यह सौदा लगभग 700 करोड़ का है.

इस तरह गुरुवार को एक ही दिन में केंद्र सरकार ने रक्षा से जुड़े 2500 करोड़ के सौदे पक्के कर दिए. यह दोनों सौदे ‘स्वदेशी डिजाइन, विकसित और निर्मित’ श्रेणी के तहत हुए हैं. यानी इन सौदों में सेना को मिलने वाले मिसाइल सिस्टम और वाहन भारत में ही विकसित और निर्मित किए जाएंगे.

फायर-एंड-फॉरगेट तकनीक
DRDO के रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (DRDL) ने ‘नाग मिसाइल सिस्टम ट्रैक्ड वर्जन’ को विकसित किया है. यह एक अत्याधुनिक एंटी-टैंक हथियार प्रणाली है, जो दुश्मन के बख्तरबंद वाहनों के खिलाफ फायर-एंड-फॉरगेट मिसाइल और उन्नत साइटिंग सिस्टम से लैस है. यानी एक बार टैंक को निशाना बनाकर छोड़ी गई इस मिसाइल को बाद में गाइड करने की जरूरत नहीं. यह मिसाइल टैंक का काम तमाम करके ही आराम करती है.

नाग मिसाइल हर मौसम में काम करने में सक्षम है. यह दुश्मन के टैंक को सटीकता से नष्ट करती है. इसमें इन्फ्रारेड तकनीक है, जो लॉन्च से पहले लक्ष्य को लॉक कर देती है. इसकी मारक क्षमता 4 किलोमीटर तक है. हल्के वजन वाली यह मिसाइल दुश्मन के टैंक और अन्य सैन्य वाहनों को सेकंडों में नष्ट करती है. इसका पहला सफल परीक्षण 1990 में हुआ था. इसके बाद से लगातार इसमें नई तकनीकें जोड़ी गई हैं और इन तकनीकों के साथ मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण भी होता रहा है. दो महीने पहले भी इस मिसाइल की उन्नत तकनीक का एक सफल परीक्षण हुआ है.

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