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बैंकॉक में आया शक्तिशाली भूकंप! भरभराकर ढहीं इमारतें, खौफ में भागे लोग, जानें ताजा हालात

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में शुक्रवार को 7.7 तीव्रता का जबरदस्त भूकंप आया, जिससे इमारतें हिल गईं.  BBC की  रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी के जीएफजेड भूविज्ञान केंद्र ने बताया कि यह भूकंप दोपहर में 10 किलोमीटर की गहराई पर आया.

जीएफजेड भूविज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र पड़ोसी म्यांमार में था. फिलहाल, जान-माल के नुकसान की कोई तत्काल सूचना नहीं मिली है.

बैंकॉक में गिरी इमारत

भूकंप की वजह से बैंकॉक में एक निर्माणाधीन गगनचुंबी इमारत गिरने की खबर है. रिपोर्ट के मुताबिक, इमारत भूकंप के झटके सहन नहीं कर पाई और ढह गई. इसके अलावा, भूकंप के बाद कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें लोगों में फैली दहशत साफ देखी जा सकती है.

सागाइंग के पास भूकंप का केंद्र

भू-वैज्ञानिकों के अनुसार, भूकंप का केंद्र म्यांमार के दक्षिणी तट पर सागाइंग के पास था. जर्मनी के GFZ भूविज्ञान केंद्र और भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, दोपहर में आया यह भूकंप 10 किलोमीटर (6.2 मील) की गहराई पर था, जिससे तेज झटके महसूस किए गए. बताया जा रहा है कि 7.7 तीव्रता के इस भूकंप से करीब 2 घंटे पहले एक हल्का झटका भी दोनों देशों में महसूस किया गया था.

जान-माल के नुकसान की जानकारी नहीं

बैंकॉक में स्थानीय समय के अनुसार, दोपहर करीब 1:30 बजे आए भूकंप के बाद इमारतों में अलार्म बजने लगे. इसके बाद घनी आबादी वाले इलाकों की ऊंची इमारतों और होटलों से लोगों को बाहर निकाल दिया गया. अभी तक किसी बड़े जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं मिली है.

भूकंप इतना तेज था कि ऊंची इमारतों के अंदर बने स्वीमिंग पूल में पानी हिलने लगा और लहरें उठती दिखीं. इसका केंद्र म्यांमार के मोनीवा शहर से लगभग 50 किलोमीटर (30 मील) पूर्व में था. फिलहाल म्यांमार में भूकंप से हुए नुकसान की कोई जानकारी नहीं आई है.

जानें क्यों आता है भूकंप 

भूकंप तब आता है जब धरती के अंदर मौजूद टेक्टोनिक प्लेटें (Tectonic Plates) आपस में टकराती, खिसकती या टूटती हैं. यह ऊर्जा धरती की सतह तक पहुंचकर झटकों (seismic waves) के रूप में महसूस होती है.

भूकंप आने के मुख्य कारण:

टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल: धरती की सतह कई प्लेटों से बनी है, जो लगातार बहुत धीमी गति से हिलती रहती हैं. जब ये प्लेटें आपस में टकराती या अलग होती हैं तो भूकंप आता है.

ज्वालामुखी विस्फोट: जब ज्वालामुखी फटता है, तो उसके अंदर की गैसें और मैग्मा बाहर निकलते हैं, जिससे आसपास की जमीन हिल सकती है और भूकंप आ सकता है.

खनन और विस्फोट: कोयला, तेल या अन्य खनिजों के लिए गहरी खुदाई करने या बड़ी मात्रा में विस्फोट करने से भी धरती में हलचल हो सकती है, जिससे भूकंप के झटके महसूस हो सकते हैं.

धरती के अंदर गैसों का दबाव: जमीन के अंदर मौजूद गैसें या तरल पदार्थ जब अत्यधिक दबाव में होते हैं और अचानक निकलते हैं, तो धरती हिल सकती है.

भूस्खलन और ग्लेशियर टूटना: पहाड़ों से बड़ी चट्टानें गिरने या ग्लेशियरों के टूटने से भी भूकंप जैसे झटके आ सकते हैं.

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