शोध छात्रा हत्याकांड: इस वारदात से दहल गया था आगरा का दिल, नौ साल से न्याय की आस में पीड़ित परिवार
आगरा के दयालबाग के एक शिक्षण संस्थान में बहुचर्चित शोध छात्रा हत्याकांड को नौ साल बीत चुके हैं। इस मामले में कोर्ट में 43 लोगों की गवाही हो चुकी है। 22 मार्च को अगली सुनवाई होनी है। इसमें भी गवाही होगी। हत्या का आरोप शिक्षण संस्थान के ही छात्र रहे उदय स्वरूप पर है। वह वर्ष 2016 से जेल में निरुद्ध है।
दिल्ली निवासी छात्रा शिक्षण संस्थान में शोध कार्य कर रही थी। 15 मार्च 2013 को छात्रा की हत्या की गई थी। उसका शव लैब में मिला था, जबकि कार संस्थान से कुछ दूर मिली थी। पेपर कटर से छात्रा की हत्या की गई थी। घटना के बाद संस्थान के छात्र-छात्राओं ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया था। पुलिस ने विवेचना के बाद संस्थान के ही प्रमुख अधिकारी के रिश्तेदार उदय स्वरूप और लैब सहायक यशवीर संधू को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। बाद में मामला सीबीआई को दिया गया।
सीबीआई ने जांच के बाद यशवीर संधू को क्लीन चिट दे दी। उदय स्वरूप पर दुष्कर्म, हत्या और साक्ष्य मिटाने में आरोप तय किए गए। केस में 43 गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। मृतक छात्रा के पिता ने बताया कि अभी 18 गवाहों के बयान और दर्ज किए जाने हैं। इसमें सरकारी गवाह भी शामिल हैं। अपर जिला जज प्रथम सुधीर कुमार की कोर्ट में केस में सुनवाई की जा रही है। पुलिस और सीबीआई के निरीक्षक की गवाही के लिए 22 मार्च की तिथि नियत की गई है।