RG Kar Case: शरीर के हर हिस्से पर चोट के निशान, रेप के बाद दो बार घोंटा गला, पढ़ें 9 अगस्त की रात का खौफनाक मंजर

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में ड्यूटी पर तैनात महिला डॉक्टर के साथ रेप और फिर हत्या के मामले में आज यानी शनिवार (18 जनवरी 2025) को सुनाया जाएगा. इस घटना के बाद देश भर के डॉक्टरों और अन्य लोगों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था. इस मामले में संजय रॉय मामले में मुख्य आरोपी है. वह एक सिविल वॉलंटियर था, जो सिटी पुलिस के साथ मिलकर काम करता था. कोलकाता पुलिस ने उसे डॉक्टर का शव मिलने के एक दिन बाद 10 अगस्त को गिरफ्तार किया था.
पुलिस ने संजय रॉय को किया गिरफ्तार
पीड़िता के शव के पास मिले ब्लूटूथ इयरफोन के आधार पर पुलिस ने संजय रॉय को गिरफ्तार किया था. कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपा था. अपराध के तुरंत बाद पुलिस और राज्य सरकार के रवैये पर कोलकाता हाई कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की थी.
जांच एजेंसी ने सबूत नष्ट करने के आरोप में आरजी कार के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के अधिकारी अभिजीत मंडल को भी गिरफ्तार किया. हालांकि उन दोनों को जमानत पर रिहा कर दिया गया, क्योंकि जांच एजेंसी .90 दिनों के भीतर चार्जशीट दायर नहीं कर पाई थी.
रेप के बाद दो बार गला घोंटा
डॉक्टर के साथ रेप और फिर हत्या के मामले ने पूरे देश के सन्न कर दिया था. 9 अगस्त 2024 की सुबह उत्तरी कोलकाता में सरकारी मेडिकल कॉलेज आरजी कर में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर की लाश मिली, जिस पर कई चोटों के निशान थे. इसके बाद मृतका का पोस्टमार्टम हुआ, जिसकी रिपोर्ट में दिलदहलाने वाले खुलासे हुए. रिपोर्ट में बताया गया कि आरोपी ने पहले पीड़िता का रेप किया और फिर गला घोटकर उसकी हत्या कर दी. आरोपी ने दो उसकी मौत को कंफर्म करने के लिए दो बार उसका गला घोंटा था.
सबसे पहले ये खबर सामने आई कि डॉक्टर ने सुसाइड किया है. इसके बाद पता चला कि ट्रेनी डॉक्टर की लाख अस्पताल के सेमिनार हॉल (तीसरी मंजिल) में मिली और उनके कपड़े फटे हुए थे. फिर इस केस में हत्या और रेप का एंगल सामने आया. इसके बाद 10 अगस्त को संजय रॉय की गिरफ्तारी हुई. संजय रॉय ने नशे की हालत में डॉक्टर का रेप किया और पकड़े जाने के डर से उसकी हत्या कर दी. वारदात वाली रात वो अस्पताल के अंदर कई बार आया और गया.
पूरे देश में हुए प्रदर्शन
इसके बाद 11 अगस्त को इस मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि देखते ही देखते ही पूरे देश में प्रदर्शन शुरू हो गए. 12 अगस्त को बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस मामले के आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस को सात दिन का समय दिया. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी तो आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष का नाम भी सामने आया, जिसके बाद उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया.