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भारत-चीन बॉर्डर पर टेंशन खत्म, लौटे सैनिक, आज दीपावली पर बंटेगी मिठाई

भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले दो स्थानों-डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है और जल्द ही इन जगहों पर गश्त शुरू कर दी जाएगी. भारतीय सेना के सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि बृहस्पतिवार को दिवाली के मौके पर दोनों पक्षों के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान होगा.

भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान सैनिकों की वापसी से जुड़े सवाल पर कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि इस सहमति के तहत भविष्य में संबंध सुचारू रूप से आगे बढ़ेंगे और दोनों पक्षों के बीच विशिष्ट असहमति से प्रतिबंधित या बाधित नहीं होंगे. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मतभेदों से कैसे निपटा जाए.’ पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और सैनिकों को पीछे हटाने के लिए दोनों देशों के बीच बनी सहमति को चार साल से अधिक समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है.

जल्द ही तय किए गश्त के तौर-तरीके

सेना के सूत्रों ने बताया कि सैनिकों के पीछे हटने के बाद सत्यापन का काम प्रगति पर है और स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के जरिये गश्त के तौर-तरीके तय किए जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘स्थानीय कमांडर स्तर पर बातचीत जारी रहेगी.’ सूत्रों ने 25 अक्टूबर को बताया था कि सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया 28-29 अक्टूबर तक पूरी होने की संभावना है. दिवाली पर दोनों पक्षों के बीच मिठाइयों के आदान-प्रदान की योजना के बारे में पूछे जाने पर एक सूत्र ने कहा कि यह सैन्य और कूटनीतिक दोनों लिहाज से एक ‘बड़ी जीत’ है. हालांकि, फिलहाल यह पता नहीं चला है कि मिठाइयों का आदान-प्रदान कहां किया जाएगा.

‘भारत चीन के साथ शांति बनाए रखना चाहता है’

इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के आदर्शों के अनुरूप आम सहमति से चीन के साथ शांति प्रक्रिया जारी रखना चाहता है.उन्होंने कहा, “हम आम सहमति के जरिए इस शांति प्रक्रिया को जारी रखना चाहते हैं. हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं. हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं और यह भारत की स्पष्ट नीति है.”

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