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‘58,929 पर कब्जा… पर संपत्तियों की सुरक्षा के लिए वक्फ के पास कई हक हैं’, लोकसभा में सरकार ने बताई बोर्ड की शक्तियां

केंद्र सरकार ने बुधवार (27 नवंबर, 2024) को लोकसभा को बताया कि देश में कुल 58,929 वक्फ संपत्तियां अतिक्रमण का सामना कर रही हैं, जिनमें से 869 कर्नाटक में हैं. केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद बसवराज बोम्मई के सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ अधिनियम के तहत स्टेट वक्फ बोर्ड को ऐसी संपत्तियों के लिए संरक्षण, सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए लीगल एक्शन लेने का भी अधिकार है.

किरेन रीजीजू ने कहा कि मंत्रालय और केंद्रीय वक्फ परिषद (CWC) को समय-समय पर वक्फ संपत्तियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों के बारे में शिकायतें मिली हैं. उन्होंने कहा कि उचित कार्रवाई के लिए ऐसी शिकायतों को राज्य वक्फ बोर्डों और संबंधित सरकारों को भेज दिया गया. उन्होंने कहा, ‘वक्फ एसेट्स मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया डब्ल्यूएएमएसआई (WAMSI) पर उपलब्ध विवरण के अनुसार, 58,929 वक्फ संपत्तियां अतिक्रमण का सामना कर रही हैं, जिनमें से ऐसी 869 वक्फ संपत्तियां कर्नाटक में हैं.

किरेन रिजिजू के कार्यालय की ओर से वक्फ कानून को लेकर पोस्ट किया गया है, जिसमें कार्यालय ने बताया कि वक्फ अधिनियम की धारा 54 और 55 के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्डों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पास वक्फ प्रॉपर्टी पर अनऑथराइज्ड कब्जे और अतिक्रमण के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की शक्ति है. फिर सेक्शन 51(1-A) इस पर कहता है कि वक्फ को संपत्ति की सेल, गिफ्ट, एक्सचेंज, गिरवी रखना या ट्रांसफर का अधिकार नहीं है, लेकिन फिर भी अगर वक्फ को लगता है कि संपत्ति को विकसित करने से एक्ट के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी तो इसके लिए उन्हें इसके कारण बताने होंगे और इसको बोर्ड के दो-तिहाई सदस्यों से अप्रूव करवाकर पेश करना होगा.

पोस्ट में आगे कहा गया कि केंद्र सरकार ने वक्फ एक्ट के सेक्शन 56 के तहत प्रॉपर्टीज लीज रूल्स, 2014 बनाया है, जो स्टेट वक्फ बोर्ड को वक्फ संपत्ति को लीज पर देने का अधिकार देता है. आगे यह भी बताया गया कि सेंट्रल वक्फ काउंसिल (CWC) के पास वक्फ संपत्तियों को लेकर समय-समय पर शिकायतें आती रहती हैं और ऐसी शिकायतों को संबंधित स्टेट वक्फ बोर्ड और राज्य सरकारों को भेज दिया गया है ताकि वह इन शिकायतों पर एक्शन ले सकें.

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