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Kim Jong Un Russia Visit: रूस पहुंचे किम जोंग उन, तानाशाह ने ट्रेन से की यात्रा, 21 बुलेटप्रूफ गाड़ियां समेत ये सुविधाएं ट्रेन में है मौजूद

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन मंगलवार (12 सितंबर 2023) को रूस पहुंचे. वह यहां रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर सम्मेलन करेंगे. किम जोंग उन अपनी शानदार सजी हुई निजी ट्रेन से रूस पहुंचे हैं. उनके साथ अन्य राजनयिकों और सैन्य कमांडरों के अलावा आर्म्स इंडस्ट्री के टॉप अधिकारी भी थे.

इस दौरे में किम जोंग उन और पुतिन के बीच बातचीत का मुद्दा पड़ोसी देशों के बीच रिश्ते मजबूत करना होगा. इसके अलावा दोनों देश अमेरिका की चुनौती से निपटने को लेकर भी रणनीति बना सकते हैं.

हवाई जहाज की जगह ट्रेन से सफर की वजह

किम जोंग उन के ट्रेन से रूस पहुंचने की तस्वीर वायरल होने के बाद ये सवाल कई लोगों के मन में उठ रहा है कि आखिर किम जोंग उन हवाई जहाज़ से यात्रा करने के बजाय ट्रेन से सफर करना क्यों पसंद करते हैं? न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, किम जोंग उन के पिता, किम जोंग इल और उनके दादा, किम इल सुंग, दोनों उड़ान भरने से डरते थे. यह डर संभवतः तब पैदा हुआ जब किम जोंग इल और किम इल सुंग ने एक उड़ान के दौरान अपने जेट में विस्फोट देखा था. इस घटना के बाद किम इल सुंग 1986 में एकबार सोवियत संघ चले गए, यह आखिरी बार था जब उत्तर कोरियाई नेता ने तीन दशकों से अधिक समय में हवाई मार्ग से विदेश यात्रा की थी.

हालांकि, कथित तौर पर किम जोंग उन स्विट्जरलैंड में अपने बोर्डिंग स्कूल के दिनों के दौरान लगातार उड़ान भरते थे. लेकिन 2011 में पदभार संभालने के बाद से उन्होंने उड़ान भरना लगभग बंद कर दिया. 2018 में आखिरी बार वह तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ मुलाकात के लिए सिंगापुर हवाई जहाज से ही गए थे. कई लोगों का मानना है कि ट्रेन से यात्रा करने के पीछे का कारण अपने परिवार की परंपरा का पालन करना और अपने बड़ों के प्रति सम्मान दिखाना हो सकता है.

ट्रेन में मौजूद हैं कई खास सुविधाएं

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक किम जोंग उन की ट्रेन, वही है जिसे उनके पिता और दादा इस्तेमाल करते थे. इसमें आलीशान सोफे और कॉन्फ्रेंस रूम की व्यवस्था है. ट्रेन में 21 बुलेटप्रूफ गाड़ियां रहती हैं. उन के काफिले में दो ट्रेन चलती है. लगभग 100 सुरक्षा एजेंटों को संभावित खतरों से निपटने के लिए स्टेशनों पर आगे भेजा जाता है, जबकि अन्य ट्रेनों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए स्टेशनों पर बिजली बंद कर दी जाती है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि किम जोंग उन की ट्रेन इतनी भारी है कि यह 59 किमी/घंटा से अधिक नहीं चल सकती है. पर मजबूती के मामले में इसकी तुलना लंदन की हाई-स्पीड रेल से की जाती है जो लगभग 200 किमी/घंटा और जापान की शिंकानसेन बुलेट ट्रेन 320 किमी/घंटा की रफ्तार से चलती है.

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