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Maharashtra Politics: शिंदे के MLA को प्रियंका चतुर्वेदी ने क्यों कहा ‘वल्गर करैक्टर’, पढ़ें क्या था खूबसूरती वाला बयान, जिसपर महाराष्ट्र में मचा घमासान

महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे कैंप के विधायक संजय शिरसाट के बयान ने शिवसेना के दोनों गुटों में चिंगारी भड़का दी है. शिरसाट के बयान से शुरू हुई जुबानी जंग फिलहाल थमती नजर नहीं आ रही. उद्धव ठाकरे गुट की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने शिरसाट को गद्दार और वल्गर कैरेक्टर बताते हुए निशाने पर लिया है तो वहीं, आदित्य ठाकरे भी इस जंग में कूद पड़े हैं.

प्रियंका साल 2019 में शिवसेना में शामिल हुई थीं और साल 2020 से वह राज्यसभा सांसद हैं. 31 जुलाई को संजय ने ठाणे में एक हिंदी भाषी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आदित्य ठाकरे ने प्रियंका चतुर्वेदी की खूबसूरती देखी और उन्हें सांसद बना दिया.

प्रियंका ने लिया आड़े हाथों
उन्होंने कहा कि आदित्य ठाकरे ने प्रियंका चुतर्वेदी की खूबसूरती देखी और सांसद बना दिया. अब उनके इस बयान पर शिवसेना (यूबीटी) गुट भड़क गया है. प्रियंका चतुर्वेदी ने भी संजय शिरसाट को आड़े हाथों लिया और गद्दार एवं वल्गर कैरेक्टर बताते हुए कहा कि उन्हें बताने की जरूरत नहीं है कि वह कैसी दिखती हैं और कैसे सांसद बनीं. उन्होंने बीजेपी पर भी हमला बोला और कहा कि संजय शिरसाट ने अपने बयानों से अपना चरित्र दिखा दिया और इसमें कोई चौंकने वाली बात नहीं है कि वह बीजेपी के साथ हैं.

ट्वीट कर सुनाई खरी-खोटी
उन्होंने एक ट्वीट कर शिरसाट को खूब खरी-खोटी सुनाई और कहा कि उन्हें यह बताने के लिए किसी गद्दार की जरूरत नहीं है कि वह कैसी दिखती हैं और जहां हैं वहां क्यों हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि शिरसाट ने 50 बक्सों के लिए अपनी आत्मा और ईमानदारी बेच दी, वह राजनीति और महिलाओं पर अपने विचारों में व्यापक बीमारी का एक आदर्श उदाहरण हैं और अपनी टिप्पणियों के जरिए वह अपना अश्लील चरित्र दिखाते हैं. उन्होंने आगे कहा कि इसमें भी कोई आश्चर्य नहीं कि बीजेपी ने उन्हें अपने साथ रखा है.

आदित्य ठाकरे बोले, शिरसाट बीमार मानसिकता वाले व्यक्ति
उधर, आदित्य ठाकरे ने भी शिरसाट के बयान पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि ये उनकी बीमार मानसिकता है. उन्होंने कहा, “मुझे समझ नहीं आता कि ऐसी बीमार मानसिकत वाले लोग राजनीति में कैसे हैं.” शिवसेना में शामिल होने से पहले प्रियंका चतुर्वेदी कांग्रेस केी राष्ट्रीय प्रवक्ता थीं. पिछले साल एकनाथ शिंदे समेत 40 विधायकों की बगावत के बाद शिवसेना में फूट पड़ गई और पार्टी दो गुटों में बंट गई थी. तभी से दोनों गुट एक-दूसरे को लेकर बयानबाजी करते रहते हैं.

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