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‘आपको नहीं पता पाकिस्तान की राजधानी क्या है’, विदेशी नागरिकों को डिपोर्ट नहीं करने पर असम सरकार पर भड़का सु्प्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी घोषित किए गए लोगों को निर्वासित करने के बजाय अनिश्चित काल तक डिटेंशन सेंटर्स में रखने को लेकर असम सरकार को मंगलवार (4 फरवरी, 2025) को फटकार लगाते हुए कहा कि क्या किसी मुहुर्त का इंतजार कर रहे हैं. राज्य सरकार की ओर से तर्क दिया गया कि इन लोगों का एड्रेस नहीं है इसलिए उन्हें कहां भेजा जाए. इस पर कोर्ट ने कहा कि ये जिन देशों के हैं, वहां की राजधानी में इन लोगों को भेजा जाए.

जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों के विदेशी होने की पुष्टि होते ही उन्हें तत्काल निर्वासित कर दिया जाना चाहिए. बेंच ने कहा, ‘आपने यह कहकर डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू करने से इनकार कर दिया कि उनके पते ज्ञात नहीं हैं. यह हमारी चिंता क्यों होनी चाहिए? आप उन्हें उनके देश भेज दें. क्या आप किसी मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं?’

सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार की ओर से पेश वकील से कहा, ‘जब आप किसी व्यक्ति को विदेशी घोषित करते हैं, तो आपको अगला उठाना पड़ता है. आप उन्हें अनंत काल तक डिटेंशन सेंटर में नहीं रख सकते. संविधान का अनुच्छेद 21 मौजूद है. असम में विदेशियों के लिए कई डिटेंशन सेंटर हैं. आपने कितने लोगों को निर्वासित किया है?’

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस अभय एस. ओका ने कहा, ‘आप उन्हें उनकी राजधानी भेज दें. अगर कोई पाकिस्तान से है तो क्या आपको नहीं पता कि पाकिस्तान की राजधानी क्या है? आप ये कहकर उन्हें यहां हिरासत में कैसे रख सकते हैं, कि उनका पता आपके पास नहीं है. आपने उस तारीख के बारे में क्यों नहीं बताया जिस दिन सत्यापन विदेश मंत्रालय को भेजा गया था?

सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को निर्देश दिया कि वह डिटेंशन सेंटर्स में रखे गए 63 लोगों को दो हफ्ते के अंदर डिपोर्ट करना शुरू करे और अनुपालन हलफनामा दाखिल करे. बेंच ने असम में विदेशी घोषित किए गए लोगों के निर्वासन और डिटेंशन सेंटर्स में सुविधाओं से संबंधित याचिका पर सुनवाई की.

कोर्ट ने इस पर भी चिंता जताई कि सालों से इन लोगों पर सरकारी खजाना खर्च हो रहा है और सरकार पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह इस मसले को लेकर विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बात करेंगे और इसका हल निकालेंगे क्योंकि ये राज्य सरकार का विषय नहीं है. 1

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