JDU की इफ़्तार पार्टी से चिराग़ पासवान और मुकेश सहनी क्यों हुए आउट? पढ़ें Inside स्टोरी
सत्तारूढ़ जेडीयू की ओर से गुरुवार को इफ्तार पार्टी का आयोजन किया किया जा रहा है. हज भवन में प्रदेश के दिग्गज राजनेता जुटेंगे. इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच दोबारा मुलाकात होने की संभावना जताई जा रही है. इन सबके बीच दिलचस्प बात यह है कि JDU ने चिराग पासवान और VIP प्रमुख एवं नीतीश के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी को इफ्तार का न्योता नहीं दिया गया है. इससे पहले भाजपा की ओर से दी गई इफ्तार पार्टी में भी ये दोनों नेता नहीं दिखे थे. ऐसे में सवाल उठता है कि जेडीयू ने इन दोनों नेताओं को निमंत्रित क्यों नहीं किया? चिराग पासवान और मुकेश सहनी को बिहार NDA ने दरकिनार कर दिया है?
दरअसल, गुरुवार को JDU अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की ओर से पटना के हज भवन में इफ़्तार का आयोजन किया गया है. इसमें तमाम राजनीतिक दलों के नेताओ को निमंत्रण दिया गया है, लेकिन न तो मुकेश सहनी को निमंत्रण भेजा गया है और न ही चिराग़ पासवान को. इससे साफ़ है कि जो भाजपा को पसंद नहीं है, उसे JDU भी तवज्जो नहीं दे रहा है. साथ ही जो JDU को पसंद नहीं है, उससे भाजपा तवज्जो नहीं दे रहा है. इससे यह भी स्पष्ट हो रहा है कि बिहार में भाजपा और जेडीयू का गठबंधन मजबूत है.
जेडीयू नेता का दिलचस्प जवाब
JDU अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सलीम परवेज़ से जब यह सवाल पूछा गया तो उन्होंने सफाई देते हुए मजेदार जवाब दिया. सलीम परवेज़ कहते हैं कि हमने उन तमाम राजनीतिक पार्टियों को इफ़्तार में निमंत्रण दिया है, जिन्हें बिहार विधानसभा से मान्यता मिली हुई है. उन्होंने आगे कहा कि हमें जानकारी मिली है कि न तो VIP और न ही चिराग़ पासवान की पार्टी विधानसभा से मान्यता मिली है. इसी वजह से इन दोनों नेताओं को नहीं बुलाया गया. इसमें कोई राजनीति नहीं है.
चिराग गुट का जवाब
चिराग़ पासवान गुट के नेता अशरफ़ अंसारी ने कहा कि कौन बुलाता है और कौन नहीं बुलाता है, इससे चिराग़ को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने साल 2020 में अपना आशीर्वाद दे दिया और आगे भी देगी. जो पार्टी आज हमें नजरअंदाज कर रही है, वही कल हमारे पीछे-पीछे घूमेगी.
वीआईपी नेता का जवाब
इस बाबत जब मुकेश सहनी की पार्टी से पूछा गया की आपको निमंत्रण नहीं मिला तो उन्होंने कहा कि जबरदस्ती किसी को निमंत्रण के लिए आप दबाव तो नहीं डाल सकते हैं. उनकी मर्ज़ी किसे बुलाते हैं और किसे नहीं. इससे हमें कोई फ़र्क़ नही पड़ता है.