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Amit Shah Meeting: जम्मू-कश्मीर पर गृहमंत्री अमित शाह ने ली अहम बैठक, NIA चीफ और एलजी समेत तमाम बड़े अधिकारी रहे मौजूद

जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के बाद अब विकास की रफ्तार को बढ़ाने की कोशिश हो रही है. केंद्र सरकार लगातार घाटी में आतंक से निपटने और तमाम तरह की विकास परियोजनाओं के लिए निर्देश जारी कर रही है. इसी बीच अब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को लेकर एक अहम बैठक की अध्यक्षता की है. इस बैठक में तमाम बड़े अधिकारी और जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा भी शामिल हुए.

जानकारी के मुताबिक घाटी में मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था और विकास परियोजनाओं को लेकर ये बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री की तरफ से अधिकारियों से तमाम तरह की जानकारियां ली गईं और कई अहम निर्देश भी दिए गए. बैठक में सीआरपीएफ डीजी, चीफ सेक्रेटरी जम्मू-कश्मीर एके मेहता, रॉ चीफ और एनआईए चीफ भी मौजूद थे. जिनके साथ कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई.

बैठक को लेकर एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रशासित प्रदेश में कार्यान्वित विकास कार्यक्रमों पर भी बैठक में विस्तार से चर्चा की गई. अधिकारियों ने कहा कि हालिया महीनों में जम्मू-कश्मीर में हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुई हैं, जिनमें मासूम नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों पर हमले और सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशें शामिल हैं.

मारे गए चार आतंकी, बड़ी साजिश नाकाम
अमित शाह की ये अहम बैठक सिधरा इलाके में भारी हथियारों से लैस चार आतंकवादियों को मार गिराए जाने के बाद शुरू हुई. 26 जनवरी से पहले पुलिस को ये बड़ी सफलता हाथ लगी, जिसमें बड़ी साजिश को नाकाम किया गया. पाकिस्तान से घुसपैठ के बाद आतंकवादी एक ट्रक में सवार हो कश्मीर की तरफ जा रहे थे. जम्मू क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुकेश सिंह ने बताया कि ट्रक चालक हालांकि मौके से फरार हो गया और उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है.
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के निकट सिधरा बाईपास इलाके में तवी पुल के पास घने कोहरे के बीच सुबह करीब साढ़े सात बजे मुठभेड़ शुरू हुई. आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के तीन आतंकियों की गिरफ्तारी और नवंबर में नरवाल बाईपास में एक तेल टैंकर से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी के बाद से सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर थीं और तमाम ट्रकों की सख्ती से चेकिंग की जा रही थी.

टारगेट किलिंग से निपटना काफी अहम
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा का मामला हमेशा से काफी संवेदनशील रहा है. सेना के ऑपरेशन के बावजूद आतंकी लगातार कई तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं. पिछले कुछ दिनों से घाटी में आतंकी आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं. इस टारगेट किलिंग के तहत प्रवासी मजदूरों और कश्मीर पंडितों को निशाना बनाया जा रहा है. जिससे निपटने के लिए सेना के तमाम बड़े अधिकारी और जांच एजेंसियां लगातार काम कर रही हैं.

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