Azam Khan Reaches Supreme Court: योगी सरकार के खिलाफ ये गुहार लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे आजम खान, कल होगी सुनवाई
उत्तर प्रदेश के रामपुर स्थित मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी का नियंत्रण अपने हाथ में लेने की राज्य सरकार की कार्रवाई के खिलाफ सपा नेता आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करेगा.
चीफ जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस रविंद्र भट और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने बुधवार को आजम खान की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के उस प्रतिवेदन पर गौर किया, जिसमें कहा गया कि राज्य सरकार इस प्राइवेट यूनिवर्सिटी के खिलाफ कई तरह की कार्रवाई कर रही है.
कल होगी मामले की सुनवाई
चीफ जस्टिस ने कहा कि इस मामले को कल यानी गुरुवार के लिए सूचीबद्ध किया जाता है. सिब्बल ने कहा कि सपा नेता आजम खान पर आपराधिक और अन्य मामले चल रहे हैं, जिन्हें राज्य सरकार और प्राधिकरणों ने दर्ज कराया है. अब यूनिवर्सिटी को भी टेकओवर कर लिया गया है. यूनिवर्सिटी की दीवार को भी गिरा दिया गया है. मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी है, जिसे एक ट्रस्ट ने साल 2006 में स्थापित किया था. आजम खान उसके चांसलर हैं.
आजम खान पर दर्ज हैं 90 मामले
वर्तमान में रामपुर सदर सीट से सपा विधायक आजम खान के खिलाफ भ्रष्टाचार और अवैध कब्जे समेत विभिन्न आरोपों में करीब 90 मामले दर्ज हैं. वह करीब 27 महीने तक सीतापुर जेल में रहे थे. इस साल के शुरू में उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया था. आजम खान के खिलाफ रामपुर के मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय में नगर निगम की एक मशीन का इस्तेमाल कर उसे छुपाने के आरोप में एक और मामला दर्ज हुआ है.
आजम के लिए राज्यपाल से मिले थे अखिलेश
हाल ही में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की अगुवाई में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने आजम खान के लगातार उत्पीड़न की तरफ ध्यान दिलाने के लिए यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की थी. अखिलेश ने कहा था, हमने राज्यपाल को आजम खान के खिलाफ लगातार जारी अन्याय और उनके खिलाफ झूठे मामलों में मुकदमे दर्ज किए जाने के बारे में बताया है और उनसे न्याय दिलाने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा, हमने राज्यपाल को बताया कि आजम खान के खिलाफ लगातार मामले इसलिए दर्ज किए जा रहे हैं ताकि वह जेल में ही रहें. वह बीमार हैं. हमने राज्यपाल से अनुरोध किया कि आजम खान के साथ अन्याय न हो.