राहत: पहली बार दिल्ली के कोविड वेंटिलेटर पर कोई मरीज नहीं, एक समय थी मारामारी अब 10 हजार बेड खाली
दो साल में पहली बार दिल्ली के अस्पतालों में मौजूद सभी कोविड वेंटिलेटर खाली हुए हैं। राजधानी के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में 1253 वेंटिलेटर खाली पड़े हैं। वहीं इन अस्पतालों में अब ऑक्सीजन का संकट भी नहीं है। दिल्ली ने केंद्र के साथ मिलकर 44 नए ऑक्सीजन संयंत्र बीते छह माह में चालू किए हैं जो रोजाना अस्पतालों के लिए ऑक्सीजन का उत्पादन भी कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार दिल्ली में अब कोरोना महामारी को लेकर अस्पतालों में बिस्तरों का संकट नहीं है। अस्पतालों में आईसीयू, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन के अलावा सामान्य बिस्तर तक खाली पड़े हैं। दिल्ली सरकार के अनुसार अस्पतालों में 10 हजार से भी अधिक बिस्तर खाली हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि दिल्ली सरकार ने साल 2020 से 2021 के बीच स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार देने में 800 करोड़ रुपये से भी अधिक खर्च किए। इस दौरान बिस्तरों की संख्या में इजाफा किया गया। साथ ही अन्य स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाया गया। इसके बाद मार्च 2021 में दूसरी लहर के दौरान दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों का इलाज काफी मुश्किल हो गया। करीब एक महीने से भी अधिक समय तक मरीजों के लिए बिस्तर नहीं मिल पाया। दवाओं का अभाव रहा साथ ही ऑक्सीजन के लिए लोगों को एनसीआर के दूसरे शहरों के लिए भागना पड़ा था। हालांकि अब ऐसे हालात नहीं है। जहां एक ओर संक्रमण काफी नियंत्रण में आया है। वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा भी मिला है।