गोरखपुर: मुआवजे की भनक लगते ही गोड़धोइया नाले पर तेजी से होने लगे अवैध निर्माण
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जानकारी के अनुसार, मुआवजे की जानकारी होते ही कुछ लोगों ने गोड़धोइया नाले में निर्माण कराना शुरू करा दिया है। इसकी जानकारी होने पर नगर आयुक्त ने सख्त रुख अपनाया और निर्माण को ध्वस्त करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि ध्वस्तीकरण में खर्च धनराशि निर्माण कराने वालों से वसूली जाएगी।
बताया जा रहा है कि तकरीबन 10 किलोमीटर लंबे गोड़धोइया नाले में कई जगहों पर अवैध निर्माण हो गया है। नाले को चौड़ा करने की जानकारी के बाद कई लोगों ने निर्माण करा लिया है। जंगल हरसेवकपुर नंबर एक में तो नाले का अस्तित्व ही खत्म हो गया है। नाले में कई लोग निर्माण करा रहे हैं। नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कहा कि नाले में निर्माण पर रोक है। जो लोग निर्देश नहीं मान रहे हैं, उनका निर्माण ध्वस्त करा दिया जाएगा।
20 मीटर चौड़ा किया जाएगा गोड़धोइया नाला
गोड़धोइया नाले के आसपास के कुछ क्षेत्रों को गोमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर भी विकसित किया जाएगा। नाले को उसके मूल स्वरूप में लाने के लिए जमीन अधिग्रहण पर करीब 700 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया जाना है। गोरखपुर शहर को जलभराव से मुक्त करने के लिए जियोनो इंडिया ने प्रस्ताव तैयार किया है।
नाले के रास्ते में आने वाली जमीन की स्थिति को लेकर सदर तहसील की टीम ने सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की है। अनुमान है कि मुआवजे के रूप में करीब 700 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। 20 मीटर चौड़ा बनने वाले नाले की गहराई 1.5 से 2.75 मीटर तक होगी। जीडीए उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह का कहना है कि गोड़धोइया नाले के निर्माण के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। मंजूरी मिलने के बाद काम शुरू हो जाएगा। ब्यूरो