india

संयुक्त किसान मोर्चा में दरार: दिल्ली में हुई बैठक में पहुंचे कुछ गुट, किया जोरदार हंगामा, ये है वजह

विस्तार

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की बैठक में सोमवार को निलंबित गुटों के सदस्यों ने हंगामा किया। एसकेएम ने विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लेने वाले किसान संगठनों को निलंबित कर दिया था।

किसान नेताओं के अनुसार केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले एसकेएम ने 15 जनवरी की बैठक में कुछ गुटों को पंजाब और उत्तर प्रदेश के चुनाव में लड़ने की वजह से चार महीने के लिए निलंबित कर दिया था।

निलंबित गुटों के किसान पंजाब से आए थे और वे गांधी शांति प्रतिष्ठान पहुंचे और बैठक में हिस्सा लेने के लिए दबाव बनाने लगे। एसकेएम ने उन्हें चार महीने बाद ही संगठन में वापसी संभव होने की बात कही जिसके बाद वहां हंगामा शुरू हो गया।

बैठक में क्या हुआ

पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद मुल्लांपुर दाखा के गुरशरण कला भवन में आयोजित मोर्चे की पहली बैठक से 11 संगठनों ने किनारा कर लिया। बैठक में सभी 32 संगठनों को पहुंचने का संदेश भेजा गया था। उसमें से 18 संगठनों के नेता बैठक में मौजूद रहे। तीन संगठनों ने फोन पर अपनी सहमति दी।

सूत्रों का कहना है कि मोर्चा चाहता है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून की मांग वाली लड़ाई और तेज हो। बैठक में लखीमपुर खीरी कांड पर भी विस्तृत चर्चा हुई।

बीकेयू पंजाब के रूलदू सिंह मानसा पहले ही कह चुके हैं कि लखीमपुर खीरी में किसानों को कार से कुचलने के मामले में सरकारी गवाहों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। मुख्य आरोपी आशीष मिश्र को जमानत मिलने के बाद पीड़ित परिवारों और गवाहों की जान को खतरा बढ़ गया है लेकिन सरकार मूकदर्शक बनकर एक और लखीमपुर जैसी घटना का इंतजार कर रही है।

केंद्र सरकार ने बेशक तीन कृषि कानून वापस ले लिए पर अन्य सभी वादों से सरकार पीछे हटती नजर आ रही है। मामला बेशक एमएसपी का हो या फिर किसानों की कर्जमाफी का, सरकार सभी वादों से मुकरती नजर आ रही है। किसानों पर दिल्ली और दिल्ली की सीमाओं पर दर्ज मुकदमे भी वापस नहीं लिए जा रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button