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शोध में खुलासा: देवदार का तेल निकालने के बाद बेकार पानी से होगा त्वचा के रोगों का उपचार

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देवदार का तेल निकालने के बाद निकले बेकार पानी से त्वचा के रोगों का इलाज होगा। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के उद्यमी सुरेंद्र मोहन ने आईएचबीटी पालमपुर के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर सीएम स्टार्टअप योजना में देवदार के प्राकृतिक तेल से दवा तैयार की है। इसे नेचुरल हाड्रोसोल सिडार के नाम से जाना जाता है। यह हाईड्रोसोल रोगाणुनाशक, फंफूदनाशक, एलर्जीनाशक, सूजन दूर करने, पुराना दर्द मिटाने और गठिया दर्द को दूर भगाने का काम करेगा।

विज्ञान दिवस के मौके पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने इस उत्पाद को तमाम औपचाकिरताओं के बाद हरी झंडी दे दी है। उन्होंने इस प्राकृतिक उत्पाद की सराहना की और उद्यमी के साथ पालमपुर आईएचबीटी के वैज्ञानिकों के प्रयासों को सराहा। वहीं, इस उत्पाद का एक हजार लीटर हाइड्रोसोल का आर्डर अमेरिका की कंपनी से भी आया है। इस सिडार हाइड्रोसोल की कीमत सौ रुपये प्रति लीटर है।

एक वर्ष की मेहनत के बाद यह कामयाबी हासिल हुई है। सुरेंद्र ने देवदार के पेड़ के तेल से निकलने वाले बेकार पानी को प्रयोग में लाकर यह प्राकृतिक उत्पाद बनाया है। युवा उद्यमी से दूसरे शिक्षित युवा प्रेरणा लें।-संजय कुमार, निदेशक, आईएचबीटी पालमपुर।

कई दशकों से देवदार के तेल का निर्माण किया जा रहा है। इसका यूरोपियन देशों में निर्यात भी हो रहा है। बेकार पानी से नेचुरल हाइड्रोसोल बनाने का आइडिया भी वहीं से आया। सीएम स्टार्ट अप योजना में नेचुरल हाइड्रोसोल तैयार करने की सोची और आईएचबीटी पालमपुर के वैज्ञानिकों की मदद से सफलता

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