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Mahakumbh: मौनी अमावस्या के लिए महाकुंभ में विशेष प्लान, अलग-अलग प्रदेशों से आने वाले लोगों के लिए बनाए अलग घाट

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के सबसे बड़े अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या में अमृत पान की आस में करोड़ों श्रद्धालु तीर्थराज पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसलिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं. 12 किलोमीटर में फैले क्षेत्र के सभी 44 मार्गों पर स्नान की तैयारी की गई है.

घाटों पर एसडीएम, सीओ, तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की ड्यूटी लगाई गई है. संगम तट के घाटों के अलावा, ऐरावत और अरैल घाट पर आईएएस अधिकारियों, एडीएम और एसडीएम रैंक के अधिकारियों को तैनात किया गया है. मेले की जिम्मेदारी संभालने के लिए प्रयागराज और आसपास के 10 जिलों के डीएम और एसपी को भी मुस्तैद किया गया है.

होटल-टैंट और रैन बसेरे हुए फुल

अनुमान के मुताबिक, महाकुंभ के अमृत स्नान पर्व पर 10 करोड़ श्रद्धालु आ सकते हैं. सरकार ने इसके अनुसार ही प्रबंध किए हैं. दो दिन पहले से ही श्रद्धालु बड़ी संख्या में प्रयागराज पहुंच रहे हैं. महाकुंभ मेले के सभी संतों, कल्पवासियों और संस्थाओं के शिविर भर चुके हैं. अब तो रैन बसेरों में भी जगह नहीं बची है. शहर के होटलों से लेकर सरकारी और निजी टेंटों का भी यही हाल है. 

बता दें कि मौनी स्नान का महायोग वैसे तो मंगलवार रात आठ बजे से ही शुरू हो जाएगा. हालांकि, अखाड़ों का महास्नान बुधवार सुबह शुरू होगा. अखाड़ा रोड को भी सील कर दिया गया है. 

अमृत स्नान पथ पर नहीं जा सकेंगे आम श्रद्धालु

इस दौरान अमृत स्नान पथ पर अखाड़ों के संत-महात्मा और उनके शिष्य और भक्त जा सकते हैं. अखाड़ों के लिए संगम तट पर अलग-अलग स्नान घाट बनाए गए हैं. यहां आम श्रद्धालु डुबकी नहीं लगा सकते हैं. आम श्रद्धालुओं के लिए अलग से घाट बनाए गए हैं. 

अलग-अलग राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऐसी व्यवस्था

संगम पर ऐरावत घाट भी बनाया गया है. यहां पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वी राज्यों के श्रद्धालु स्नान कर पाएंगे. वहीं, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र सहित दक्षिण भारत के श्रद्धालुओं के लिए अरैल घाट पर स्नान करने की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा, दिल्ली, उत्तराखंड, पश्चिमी यूपी, हरियाणा और पंजाब की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए संगम से लेकर नागवासुकि तक स्नान करने की तैयारी की गई है. ट्रेन, बसों और खुद की गाड़ी से आने वाले श्रद्धालुओं को स्नान करवाकर शीघ्र सकुशल वापस करने की भी व्यवस्था की गई है.

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