अपनी ही मनमोहन सरकार पर मनीष तिवारी का कड़ा प्रहार, किताब में 26/11 हमले को लेकर साधा निशाना

कांग्रेस (Congress) नेता मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने मनमोहन सरकार (Manmohan Govt) पर सवाल उठाए हैं. मनीष तिवारी ने अपनी नई किताब में लिखा कि मुंबई हमले के बाद सरकार ने करारा जवाब नहीं दिया और डोकलाम विवाद टाला जा सकता था. बता दें कि कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने अपनी नई किताब का ऐलान किया है. अपनी किताब में मनीष तिवारी ने लिखा कि 26/11 हमले के बाद कड़ी कार्रवाई जरूरी थी. शब्दों से ज्यादा कड़ी कार्रवाई जरूरी थी.
मनीष तिवारी का ट्वीट
मनीष तिवारी ने ट्वीट किया कि ये घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरी चौथी किताब- ’10 Flash Points; 20 Years – National Security Situations that Impacted India’ जल्द ही बाजार में आएगी. ये किताब पिछले दो दशकों में भारत के सामने आई बड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती पर है.
हमले के बाद संयम दिखाना ताकत नहीं- मनीष तिवारी
मुंबई हमले पर मनीष तिवारी ने कहा कि एक ऐसे राष्ट्र को जिसको सैंकड़ों बेकसूर लोगों को मारने में कोई परेशानी नहीं होती, उसके लिए संयम दिखाना ताकत की निशानी नहीं है. उसे एक कमजोरी की तरह देखा जाता है. कभी-कभी समय आता है जब शब्दों से ज्यादा कार्रवाई पर ध्यान देना चाहिए. 26/11 कुछ ऐसा ही समय था जब ये करना चाहिए था. इसलिए मेरे मुताबिक भारत के 9/11 के बाद एक कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी.’
टाला जा सकता था डोकलाम विवाद- मनीष तिवारी
मनीष तिवारी ने कहा कि जुलाई 2018 में मोदी सरकार के रक्षा और वित्त मंत्री ने वित्तीय बाधाओं की वजह से चीन के खिलाफ माउंटेन स्ट्राइक कार्प्स को बनाने की योजना रद्द कर दी. LAC पर बढ़ते तनाव की वजह से डोकलाम हुआ, लेकिन उसे 2017 में ही रोका जा सकता था. अगर माउंटेन स्ट्राइक कार्प्स बनाई जाती, उन्हें ट्रेनिंग दी जाती और अगर अच्छे से उनका इस्तेमाल किया होता. माउंटेन स्ट्राइक कार्प्स को रद्द करना इस सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बड़ी भूल थी.