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केंद्र की नई ट्रेवल एडवाइजरी, खतरे वाले देशों से आने वाले यात्रियों का एयरपोर्ट पर ही कोरोना टेस्ट जरूरी

भारत में पिछले 24 घंटे में 8,309 कोरोना केस सामने आए हैं। वहीं, इस दौरान कोरोना से 236 लोगों की जान भी गई है। इस बीच, ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे के मद्देनजर भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए सोमवार को नई गाइडलाइन जारी की है। नई गाइडलाइन के मुताबिक, ‘एट रिस्क’ देशों से आने वाले सभी यात्रियों को आने के साथ ही कोविड-19 टेस्ट से गुजरना होगा। टेस्टिंग की शर्त तब भी लागू होगी, जबकि आने वाले यात्री पूरी तरह वैक्सीनेटेड हों।

गाइडलाइन्स की मुख्य बातें..

‘एट रिस्क’ यानी खतरे की श्रेणी में रखे गए देशों से आने वाले यात्रियों को एयरपोर्ट पर टेस्ट कराना होगा।
बाहर जाने वाले यात्रियों को 72 घंटे पहले किए गए टेस्ट की रिपोर्ट देना अब जरूरी होगा।
पॉजिटिव पाए जाने वाले यात्रियों को आइसोलेट किया जाएगा, सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग होगी।
निगेटिव पाए गए यात्री घर जा सकेंगे, पर 7 दिन तक आइसोलेट रहना होगा और 8वें दिन फिर टेस्ट होगा और अगले 7 दिन उन्हें सेल्फ मॉनीटिरिंग करनी होगी।
ओमिक्रॉन के खतरे की श्रेणी से जिन देशों को बाहर रखा गया है, वहां से आने वाले यात्रियों में 5 फीसदी की टेस्टिंग जरूर की जाएगी।
राज्य भी विदेशों से आने वाले यात्रियों की निगरानी करें, टेस्टिंग बढ़ाएं और कोरोना हॉटस्पॉट की भी निगरानी करें।

कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर राज्यों का प्रशासन पूरी एहतियात बरत रहा है। उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को राज्य के बॉर्डर पर RT-PCR टेस्टिंग अनिवार्य होगी। महाराष्ट्र में एक ओल्ड एज होम में 62 लोग कोरोना संक्रमित मिले, जिसके बाद पूरे इलाके को कंटेनमेंट जोन में तब्दील कर दिया गया। BMC ने पिछले दो हफ्तों में कंट्रीज ऑफ कंसर्न से मुंबई पहुंचने वाले 466 यात्रियों को ट्रेस किया है। इनमें से 97 मुंबई से हैं और कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं है।

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