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दलित, ओबीसी या महिला… इनमें से कोई एक बन सकता है बीजेपी का अगला अध्यक्ष! RSS का आशीर्वाद भी जरूरी

भारतीय जनता पार्टी (BJP) का अगला अध्यक्ष कौन बनेगा? निवर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा ने केंद्र में स्वास्थ्य मंत्री का पद संभाल लिया है. बीजेपी में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की परंपरा है. वैसे भी नड्डा के कार्यकाल को विस्तार देकर उन्हें बीजेपी अध्यक्ष बनाए रखा गया था. अब नड्डा के उत्तराधिकारी की तलाश जोरों पर है. लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने महाराष्ट्र और हरियाणा में खराब प्रदर्शन किया. इन दोनों ही राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में नए अध्यक्ष के सामने पद संभालते ही दोनों राज्यों में सत्ता बचाने की चुनौती होगी.

नड्डा ने पार्टी प्रमुख के रूप में अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है. अगले कुछ दिनों में बीजेपी का अगला अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया शुरू होगी. जब तक नए पूर्णकालिक अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो जाता, तब तक के लिए कार्यकारी अध्यक्ष नामित किया जा सकता है. हालांकि, टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक पार्टी हाईकमान ने इस बारे में कोई फैसला नहीं किया है.

बीजेपी का अगला अध्यक्ष कौन? सबसे अहम है RSS फैक्टर
पार्टी के पास अगले अध्यक्ष के लिए दावेदारों की कमी नहीं. ऐसे तमाम बड़े नेता हैं जिन्होंने संगठन में दशकों खपाए हैं, सरकारों में रहे हैं. TOI की रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी का मूड जमीन से जुड़े रहे किसी नेता को अगला अध्‍यक्ष बनाने का है. भावी अध्यक्ष के चयन में सबसे अहम होगा उसका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ाव. रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी मजबूत RSS बैकग्राउंड वाले किसी दलित, ओबीसी या महिला नेता को अगला अध्यक्ष बना सकती है.

बीजेपी पर हमेशा से ही संघ की मजबूत पकड़ रही लेकिन हाल के दिनों में पार्टी RSS की छाया से निकलने की कोशिश में दिखी. संघ को यह नागवार गुजरा है. नड्डा का वह बयान जिसमें उन्होंने कहा कि ‘बीजेपी इतनी ताकतवर हो गई है कि उसे RSS के समर्थन की जरूरत नहीं, ने भी संघ को नाराज किया. ऐसे में संघ किसी ऐसे चेहरे को चाहता है जो बीजेपी पर उसकी पकड़ को ढीला न पड़ने दे.

बतौर बीजेपी प्रमुख, नड्डा का तीन साल का कार्यकाल जनवरी में ही पूरा हो गया था. लोकसभा चुनाव को देखते हुए उन्हें छह महीनों का विस्तार दिया गया था. वह अगले अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने तक पार्टी चीफ बने रहेंगे. किसी व्यक्ति के सरकार और पार्टी संगठन में साथ-साथ बने रहने पर कोई कानूनी रोक नहीं है, लेकिन बीजेपी में ‘एक व्यक्ति एक पद’ की परंपरा रही है.

चर्चा यह भी है कि बीजेपी किसी महिला को अध्यक्ष पद का जिम्मा दे सकती है. इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वह बयान है जिसमें उन्होंने लगातार तीन बार जीत में महिलाओं की अहम भूमिका को रेखांकित किया था. अभी तक बीजेपी में कोई महिला अध्यक्ष नहीं रही है.

कैसे होता है बीजेपी अध्यक्ष का चुनाव?
बीजेपी का संविधान कहता है कि राष्ट्रीय प्रमुख का चुनाव राष्ट्रीय और राज्य परिषदों के सदस्यों से मिलकर बना इलेक्टोरल कॉलेज करता है. किसी राज्य के इलेक्टोरल कॉलेज के कोई भी 20 सदस्य किसी ऐसे व्यक्ति का प्रस्ताव कर सकते हैं जो चार कार्यकालों तक सक्रिय सदस्य रहा हो और जिसकी सदस्यता 15 वर्ष की हो. हालांकि, संयुक्त प्रस्ताव कम से कम पांच राज्यों से आना चाहिए जहां राष्ट्रीय परिषद के लिए चुनाव पूरे हो चुके हों.

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