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रायगढ़ और सतारा में लैंडस्लाइड से 44 लोगों की जान गई, 90 से ज्यादा लापता; मुंबई में इमारत गिरने से 5 मरे

भारी बारिश की वजह से महाराष्ट्र के कोल्हापुर, रायगढ़, रत्नागिरी, पालघर, ठाणे और नागपुर के कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। भारी बारिश के बाद शुक्रवार को हुए हादसों में अब तक 49 लोगों की मौत हो गई। रायगढ़ के तलई गांव में पहाड़ का मलबा रिहायशी इलाके पर गिर पड़ा। इसके नीचे 35 घर दब गए। इस हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई है, 70 से ज्यादा लोग लापता हैं। 32 के शव बाहर निकाले गए हैं।

सतारा के अंबेघर गांव में भी लैंड स्लाइडिंग हुई है। यहां 8 लोगों की जान गई है। मलबे के नीचे करीब 20 लोग दबे हुए हैं।

शुक्रवार को ही मुंबई से सटे गोवंडी में एक इमारत के गिरने से 4 लोगों की मौत हो गई है। सभी मृतक एक ही परिवार से हैं। हादसे में 6 जख्मी हुए हैं। घायलों को मुंबई के राजवाड़ी और सायन हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया है।

बरसाती नदियों का पानी शहरों, कस्बों और गांवों में घुस गया है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन के लिए कोंकण, मुंबई और इसके आसपास के जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। ठाणे और पालघर में भारी बारिश के कारण लो लाइंग इलाके 24 घंटे से पानी में डूबे हैं। कोंकण डिवीजन में अभी तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 8 लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 700 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है।

रायगढ़ में 4 जगह लैंडस्लाइड होने से कई लोग फंस गए हैं, 25 लोगों को निकाला गया है और 20 अभी भी फंसे हुए हैं। तलाई गांव को कनेक्ट करने वाली सड़क पानी में बह गई है, इस कारण गांव के अंदर लोग फंसे हुए हैं। कोल्हापुर के चिखली में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए NDRF की दो टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं।

खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं कई बरसाती नदियां
रत्नागिरी जिले में जगबुडी नदी खतरे के निशान से 2 मीटर और वशिष्ठ नदी खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर बह रही है। कजली, कोडावली, शास्त्री और बावंडी नदियाें ने भी खतरे के निशान को पार कर लिया है। कुंडलिका, अंबा, सावित्री, पातालगंगा, गढ़ी और उल्हास नदियां भी चेतावनी के स्तर पर बह रही हैं।

कोंकण रेल सेवा पर असर पड़ा
बारिश की वजह से कोंकण रेल रूट पर कई जगह लैंडस्लाइड हुई है। रत्नागिरी जिले में बारिश के कारण रेल सर्विस बंद हो गई थी। इससे अलग-अलग जगहों पर करीब 6 हजार यात्री फंसे हुए हैं। इन्हें निकालने के लिए NDRF की टीमों को लगाया गया है।

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