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पटना में ‘लालू खटाल’ में शुरू किया कारोबार, मंदिरों पर चढ़े फूलों से तैयार की जा रही अगरबत्ती

LR अगरबत्ती यानी लालू-राबड़ी अगरबत्ती की खुशबू अब चारों तरफ फैलेगी। लालू-राबड़ी के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अब बिजनेसमैन भी बन गए हैं। उन्होंने अगरबत्ती का कारोबार शुरू किया है। पटना और दानापुर के पास लालू खटाल में इसका शोरूम बनाया गया है। लालू खटाल का मतलब लालू की गौशाला से है। वहां बड़ी संख्या में लालू प्रसाद गाय और भैंस रखा करते हैं। सत्ता में रहने के दौरान मुख्यमंत्री आवास में भी लालू प्रसाद का खटाल था।

इसी में अगरबत्तियां बनती हैं और शोरूम से बेची जाती हैं। तेजप्रताप यादव शोरूम में हमेशा नहीं बैठते, कभी-कभी आते हैं, लेकिन यहां लगे सीसीटीवी कैमरे से वे हमेशा मोबाइल के जरिए निगरानी करते रहते हैं। शोरूम में कौन आया, कौन गया इस सब की जानकारी उन्हें खूब रहती है।

तेजप्रताप यादव से अनुमति ली गई
भास्कर ने इस शोरूम को देखा तो वहां अभिलाष कुमार और काव्या से मुलाकात हुई। हम विजुअल बनाना चाहते थे तो अभिलाष ने तेजप्रताप यादव को फोन किया कि सर मीडिया वाले विजुअल बनाना चाहते हैं? तेज प्रताप यादव से संवाददाता ने बात की और फिर विजुअल बनाने की परमिशन दी।

लालू पुत्र तेजप्रताप की कृष्ण भक्ति प्रसिद्ध है
तेज प्रताप यादव अपनी पूजा-पाठ के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं। ललाट पर त्रिपुंड लगाते हैं। कभी कृष्ण का वेश धरते हैं तो कभी शिव का। वृंदावन आश्रम अक्सर जाते रहते हैं। लालू प्रसाद को जल्द जमानत मिले इसके लिए वृंदावन आश्रम के प्रवचनकर्ता से सात दिनों का प्रवचन पटना में करवाया था। वे खुद को राजनीति में छोटे भाई तेजस्वी यादव का कृष्ण बताते हैं और तेजस्वी को अर्जुन।

राष्ट्रीय जनता दल के 25वें स्थापना दिवस पर पार्टी के कार्यकर्ताओं से जुड़े सवाल अगर किसी ने उठाए तो वह तेजप्रताप यादव ही थे। वे बोलने में बिंदास हैं। उन्होंने कहा भी कि उनको भगवान को छोड़कर किसी से डर नहीं लगता। ये बात तेजप्रताप ने तब कही जब लालू प्रसाद वर्चुअली जुड़े हुए थे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह मंच पर थे।

मंदिरों से फूलों को एकत्रित किया जाता है और उसी से बनती हैं
इस अगरबत्ती में LR ब्रांड का मतलब ‘लॉन्गेस्ट एंड रिचेस्ट’ बताया जाता है, लेकिन तेजप्रताप के करीबी इसे लालू-राबड़ी बताते हैं। ये अगरबत्ती मंदिरों में देवताओं पर चढ़ाए गए फूलों को इकट्ठा करके बनाई जाती हैं। दावा यह कि इसमें किसी तरह का कैमिकल नहीं डाला जाता। इसकी स्टिक बांस की बजाय नारियल के पत्तों से निकाली तिलियों से तैयार की जाती हैं। शायद इन्हीं कारणों से इसकी कीमत ज्यादा है।

अगरबत्ती की अलग-अलग वैरायटी के नाम पर खूब मंथन
इन अगरबत्तियों के नामों पर भी तेज प्रताप यादव का असर दिखता है। ये सभी कृष्ण के आसपास वाले नाम हैं। जैसे कि कृष्ण लीला अगरबत्ती, बरसाना, सेवा कुंज, विष्णु प्रिया, निधि वन, वृंदा तुलसी, पारिजात आदि। L-R राधा कृष्णा अगरबत्ती शोरूम में अगरबत्ती के अलावा धूप, परफ्यूम, रुद्राक्ष आदि कई चीजें बिकती हैं।

यादव जी की गाय, और RJD का चुनाव चिह्न लालटेन
शोरूम में गाय की खूबसूरत मूर्ति है और उसके साथ बच्चे की ममता भी। दूसरी तरफ राष्ट्रीय जनता दल का चुनाव चिह्न लालटेन भी है। राधा कृष्ण की सफेद रंग वाली मूर्ति यहां है और एक अन्य मूर्ति सांवले रंग वाले कृष्ण की भी है। इस पर हमेशा अगरबत्ती जलती रहती है। यानी एकदम पूजा का पूरा माहौल। लगता है कि शोरूम में नहीं, किसी मंदिर में आ गए हैं। यहां खूबसूरत लाइटिंग भी है।

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