केंद्रीय कैबिनेट का अगले 2-3 दिन में विस्तार हो सकता है; अभी 53 मंत्री हैं, 28 और बढ़ने का अनुमान
केंद्रीय मंत्रिमंडल में अगले एक-दो दिन में विस्तार किया जा सकता है। यह फेरबदल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव और अगले पांच साल में कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर किया जाएगा। बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का यह पहला विस्तार होगा।
NDTV ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। इस विस्तार में ज्योतिरादित्य सिंधिया को शामिल किया जा सकता है। कांग्रेस से उनके मतभेद की वजह से पिछले साल भाजपा को मध्यप्रदेश की सत्ता वापसी में मदद मिली थी। इनके अलावा सर्बानंद सोनोवाल को भी मौका मिल सकता है। उन्होंने असम में भाजपा को जीत दिलाकर हेमंत बिस्वा सरमा को राज्य का मुख्यमंत्री बनाने की राह बनाई थी।
सूत्रों का यह भी कहना है कि इस विस्तार में कई मौजूदा मंत्रियों को हटाया जा सकता है। अभी 9 मंत्रियों के पास एक से ज्यादा विभाग हैं। इनमें प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, नितिन गडकरी, डॉ. हर्षवर्धन, नरेंद्र सिंह तोमर, रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी और हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं।
इन्हें भी मिल सकती है मंत्रिमंडल में जगह
मोदी सरकार में जिन भाजपा नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है कि उनमें उत्तराखंड से अजय भट्ट या अनिल बलूनी। कर्नाटक से प्रताप सिन्हा, पश्चिम बंगाल से जगन्नाथ सरकार, शांतनु ठाकुर या निसिथ प्रामाणिक। हरियाणा से बृजेंद्र सिंह, राजस्थान से राहुल कासवान, ओडिशा से अश्विनी वैष्णव, महाराष्ट्र से पूनम महाजन या प्रीतम मुंडे या हिना गावित शामिल हैं। इस लिस्ट में दिल्ली से परवेश वर्मा या मीनाक्षी लेखी का नाम भी हो सकता है।
इनके नाम भी चर्चा में
बताया जा रहा है कि बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, महाराष्ट्र के नेता नारायण राणे, भूपेंद्र यादव और एक वरिष्ठ नेता जिनके पास बिहार के साथ गुजरात का भी प्रभार है उन्हें भी मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। इनके अलावा उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए वरुण गांधी, रामशंकर कठेरिया, अनिल जैन, रीता बहुगुणा जोशी, जफर इस्लाम और अपना दल की अनुप्रिया पटेल भी कतार में हैं।
चिराग पासवान के नाम पर अभी असमंजस
इस विस्तार में चिराग पासवान को शामिल किए जाने पर उनके चाचा पशुपति पारस रोड़ा बन सकते हैं। दोनों के बीच टकराव चल रहा है। इसकी वजह से लोक जनशक्ति पार्टी दो फाड़ हो गई है। हाल ही में पार्टी के पांच सांसदों के साथ पशुपति अलग हो गए हैं। पिछले साल चिराग के पिता राम विलास पासवान का निधन हो गया था, इसके बाद अब यह फूट सामने आई।
नीतीश के कितने मंत्री होंगे, यह साफ नहीं
अटकलों के बीच अभी यह साफ नहीं है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की JDU से किसी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी या नहीं। 2019 में नीतीश ने केंद्र में मंत्री बनने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। सूत्रों का कहना है कि नीतीश कम से कम दो मंत्रालयों की उम्मीद कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि उनकी पार्टी से लल्लन सिंह, रामनाथ ठाकुर और संतोष कुशवाहा इस दौड़ में शामिल हैं।