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Agni Prime मिसाइल का ओडिशा में हुआ सफल परीक्षण, 2000 किलोमीटर की सीमा तक है मारक क्षमता

भारत ने आज सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर ओडिशा के तट पर डॉ अब्दुल कलाम टापू पर अग्नि सिरीज की एक नई मिसाइल अग्नि-प्राइम का सफल परीक्षण किया. नई परमाणु-सक्षम मिसाइल पूरी तरह से कम्पोजिट मैटिरियल से बनी हुई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक परीक्षण के दौरान मिसाइल सभी पैमानों पर सटीक पाई गई है. अग्नि सीरीज की ये नई मिसाइल Agni Prime 1000-2000 किलोमीटर तक सटीक निशाना साध सकती है. उम्मीद है कि इस मिसाइल को जल्द ही सेना में शामिल किया जा सकता है. यह मिसाइल परमाणु हथियारों के साथ हमला करने में सक्षम है.
भारत ने आज सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर ओडिशा के तट पर डॉ अब्दुल कलाम टापू पर अग्नि सिरीज की एक नई मिसाइल अग्नि-प्राइम का सफल परीक्षण किया. नई परमाणु-सक्षम मिसाइल पूरी तरह से कम्पोजिट मैटिरियल से बनी हुई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक परीक्षण के दौरान मिसाइल सभी पैमानों पर सटीक पाई गई है. अग्नि सीरीज की ये नई मिसाइल Agni Prime 1000-2000 किलोमीटर तक सटीक निशाना साध सकती है. उम्मीद है कि इस मिसाइल को जल्द ही सेना में शामिल किया जा सकता है. यह मिसाइल परमाणु हथियारों के साथ हमला करने में सक्षम है.

2000 किलोमीटर की सीमा तक लक्ष्य को मार सकती है मिसाइल

पूर्वी तट पर स्थित विभिन्न टेलीमेट्री और रडार स्टेशनों ने मिसाइल पर नज़र रखी और उसकी निगरानी की. वहीं डीआरडीओ के एक अधिकारी ने कहा, “यह उच्च स्तर की सटीकता के साथ सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा करते हुए टेस्टबुक ट्रेजेक्टरी का पालन करता है. “DRDO अधिकारी ने ये भी कहा कि,” यह 2000 किलोमीटर की सीमा तक लक्ष्य को मार सकता है, और इस वर्ग की अन्य मिसाइलों की तुलना में बहुत छोटी और हल्की है. नई मिसाइल में कई नई तकनीकों को शामिल किया गया है.”

गौरतलब है कि भारत ने पहली बार साल 1989 में अग्नि मिसाइल का परीक्षण किया था. उस समय अग्नि मिसाइल की मारक क्षमता तकरीबन 700 से 900 किलोमीटर थी. इसके बाद साल 204 में इसे भारतीय सेना में शामिल किया गया था. तब से लेकर अब तक भारत अग्नि सीरीज की 5 मिसाइल लॉन्च कर चुका है.

2000 किलोमीटर की सीमा तक लक्ष्य को मार सकती है मिसाइल

पूर्वी तट पर स्थित विभिन्न टेलीमेट्री और रडार स्टेशनों ने मिसाइल पर नज़र रखी और उसकी निगरानी की. वहीं डीआरडीओ के एक अधिकारी ने कहा, “यह उच्च स्तर की सटीकता के साथ सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा करते हुए टेस्टबुक ट्रेजेक्टरी का पालन करता है. “DRDO अधिकारी ने ये भी कहा कि,” यह 2000 किलोमीटर की सीमा तक लक्ष्य को मार सकता है, और इस वर्ग की अन्य मिसाइलों की तुलना में बहुत छोटी और हल्की है. नई मिसाइल में कई नई तकनीकों को शामिल किया गया है.”

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